हरियाणा में किसानों का बड़ा प्रदर्शन, अलग-अलग जिलों में नेशनल हाइवे जाम

punjabkesari.in Friday, Jun 16, 2017 - 01:35 PM (IST)

फतेहाबाद (गौतम तारीफ):फतेहाबाद में भी किसानों का प्रदर्शन जोर पकड़ रहा है। किसान आज पूरे हरियाणा में सरकार के खिलाफ हल्लाबोल रहे हैं। इसी कड़ी में फतेहाबाद में भी किसानों ने नेशनल हाइवे-9 को पूरी तरह जाम कर दिया, जिससे दोनों तरफ की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है. किसान यूनियन ने आज प्रदेश में अलग अलग जगहों पर हाइवे जाम करने की चेतावनी दी है, जिसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग और प्रदेश में कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं। फतेहाबाद में किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और विरोध करते हुए फतेहाबाद नेशनल हाइवे-9 को जाम कर दिया। 

नारनौंद (हरकेश जांगरा):नारनौंद-जींद रोड़ पर किसान संगठनों ने जाम लगाया है, जिसके चलते मौके पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है। 

अंबाला (कमलप्रीत):किसानों ने अंबाला में भी नेशनल हाइवे नंबर-1 पर मोहड़ा के वास पर जाम लगा दिया। भारतीय किसान यूनियन के अध्य्क्ष सरदार गुरनाम सिंह चढूंनी के नेतृत्व में उन्होंने अंबाला दिल्ली अमृतसर और अमृतसर दिल्ली नेशनल हाइवे नंबर-1 को बंद करने के लिए सड़क के बीचों बीच ट्रालियां लगा दी हैं। किसानों द्वारा 3 घंटे तक हाइवे को जाम रखने का आह्वान किया गया है। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के अध्य्क्ष गुरनाम सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान मोदी सरकार को जमकर कोसा और सरकार को चेतावनी दी कि अभी यह सिर्फ सांकेतिक हड़ताल है और अगर उनकी मांगें न मानी गई तो आने वाले समय में परिणाम और गंभीर होंगे।

किसानों की मांगें 
स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। 
किसानों का पूरा कर्ज माफ हो।
किसानों की पेंशन शुरू की जाए।
मध्य प्रदेश में किसानों पर गोलीबारी करने वालों पर मुकद्दमा दर्ज कर वहां राष्ट्रपति 
शासन लगाया जाए।

डी.जी.पी. संधु ने बताया कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। 

हुड्डा की अगुवाई में होगी आंदोलन की शुरुआत 
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की अगुवाई में होने वाले आंदोलन की शुरुआत आज कुरुक्षेत्र से होगी, जहां कांग्रेसी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद सभी जिलों में प्रदर्शन कर किसानों का हक मांगा जाएगा।


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