रेवाड़ी के छोरे ने किया कमाल, नीट सुपर स्पेशलिटी प्रवेश परीक्षा में पाया सर्वोच्च स्थान

punjabkesari.in Sunday, Sep 27, 2020 - 01:38 PM (IST)

रेवाड़ी(मेहेन्द्र): रेवाड़ी शहर निवासी डॉ. सुमित यादव ने ऑल इंडिया नीट सुपर स्पेशलिटी (डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन)  प्रवेश परीक्षा-2020 में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान पाने का गौरव हासिल किया है। विगत 15 सितंबर को आयोजित उपरोक्त प्रवेश परीक्षा के गत दिवस आए परिणामों में डॉ सुमित यादव को अखिल भारतीय स्तर पर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संकाय में सर्वोच्च स्थान मिला है।

उन्होंने इस परीक्षा के कुल 400 अंकों में से 347 अंक प्राप्त करके यह शानदार उपलब्धि पाई है। इसका समाचार पाकर डॉ सुमित यादव एवं उनके परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। शहर के गांधी चौक, मॉडल टाउन निवासी डॉ. सुमित यादव साधारण परिवार में पले बढ़े हैं। उन्होंने रोहतक के पीजीआईएमएस विश्वविद्यालय से एमबीबीएस तथा पटियाला स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमडी की है। अब उच्चतर सुपर स्पेशलिटी योग्यता हासिल करने के लिए वह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संकाय चुनकर ऑल इंडिया नीट सुपर स्पेशलिटी परीक्षा में बैठे थे। 

गौरतलब है कि होनहार डॉ. सुमित यादव के पिता रतन कुमार मेहता वर्तमान में गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल बीकानेर (रेवाड़ी) में इंग्लिश लेक्चरर एवं राष्ट्रीय सामाजिक संगठन लोक सेवा मंच के कर्मचारी प्रकोष्ठ के वरिष्ठ सदस्य हैं। उनकी माता श्रीमती अनुसुइया यादव गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेवाड़ी में विज्ञान अध्यापिका के तौर पर कार्यरत हैं। उसकी बहन प्रिंसी यादव ने भी चिकित्सक बनने की तैयारी में अभी 'नीट' परीक्षा दी है, जबकि उसकी चचेरी बहन डॉ. किरण यादव, चचेरा भाई डॉ. अमित यादव, चचेरी भाभी डॉ. सोनम यादव तथा चचेरे बहनोई डॉ. अजय यादव भी देश के विभिन्न प्रतिष्ठित अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऑल इंडिया नीट सुपरस्पेशलिटी एग्जाम टॉपर डॉ सुमित यादव का कहना है कि कड़ी मेहनत, लक्ष्य को लेकर प्रयासों की निरंतरता और दृढ़ निश्चय से किसी भी मुकाम को आसानी से हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता के प्रोत्साहन, शिक्षकों के मार्गदर्शन, परिवारजनों के सहयोग-प्यार और इस क्षेत्र की मिट्टी में जन्म लेकर संघर्ष से आगे बढ़ने की आम लोगों की जनभावनाओं को समर्पित किया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही शुरू होने वाले अपने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी संकाय के सुपरस्पेशलिटी (डॉक्टरेट ऑफ़ मेडिसिन) कोर्स के दौरान पेट, जिगर और आंत की बीमारियों के गहन अध्ययन तथा उनके  प्रभावी निदान पर पूरा फोकस रखेंगे। भविष्य में चाहे उसे देश या विदेश में कार्य करने का अवसर मिले, मगर बीमार लोगों को स्वस्थ बनाकर उनके चेहरों पर मुस्कान लाना ही उनका पहला लक्ष्य रहेगा। डॉ यादव के माता-पिता का कहना है कि चिकित्सा के क्षेत्र में उसे लगातार गहन विशेषज्ञता और हुनर हासिल करने तथा बीमार लोगों को राहत पहुंचाने के लिए वे सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे। उन्होंने अपने बेटे की इस उपलब्धि पर संतोष जताते हुए जनसेवा को समर्पित बताया है।


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Isha

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