जिले में सरकारी कॉलेजों की कमी, युवाओं ने उठाई सीट बढ़ाने और नए कॉलेज खोलने की मांग
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 01:10 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते शहरों में शामिल होने के बावजूद भी गुड़गांव में सरकारी कॉलेजों की काफी कमी है। विकास की रफ्तार के मुकाबले शिक्षा ढांचा अभी भी काफी पीछे दिखाई देता है। जिले की बढ़ती जनसंख्या और युवाओं की संख्या के हिसाब से सरकारी कॉलेजों की उपलब्धता बेहद सीमित है। यही कारण है कि हजारों छात्र मनचाहा विषय न मिलने, सीटों की कमी और प्रवेश बंद होने के चलते दिल्ली, रोहतक, फरीदाबाद और रेवाड़ी जैसे शहरों की ओर रुख करने पर मजबूर हैं।
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युवाओं और अभिभावकों का कहना है कि गुरुग्राम जैसे अंतरराष्ट्रीय शहर में शिक्षा ढांचा मजबूत होना चाहिए, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल विपरीत है। जिले में मौजूद सरकारी और अर्ध-सरकारी कॉलेज न केवल कम हैं, बल्कि उनमें सीटें भी अत्यंत सीमित हैं। साइंस, कॉमर्स और मानविकी के लोकप्रिय विषयों में सीटें साल दर साल भर जाती हैं, जिससे बड़ी संख्या में छात्र बाहर के शहरों का सहारा लेते हैं। जिले के युवाओं ने सरकार और स्थानीय प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपते हुए गुड़गांव में नए सरकारी कॉलेज खोलने, मौजूदा कॉलेजों में सीटों की बढ़ोतरी और अधिक विषयों की शुरुआत की मांग उठाई है। उनका कहना है कि गुड़गांव में हर साल हजारों छात्र 12वीं पास करते हैं, लेकिन यहां उपलब्ध सीटों की संख्या उनकी तुलना में बहुत कम है। मजबूरी में बच्चों को प्राइवेट कॉलेजों का रुख करना पड़ता है, जिससे बच्चों के माता पिता की जेब पर अतिरिक्त असर पड़ता है।
जनसंख्या तेजी से बढ़ी लेकिन कॉलेज नही
विशेषज्ञों का मानना है कि गुड़गांव की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, और आने वाले वर्षों में युवाओं की संख्या और बढ़ेगी। ऐसे में कॉलेजों की उपलब्धता को बढ़ाना समय की मांग है। शहर में लाखों की आबादी, हजारों कॉर्पोरेट कार्यालय, उद्योग और उभरते स्टार्टअप हब के बाद भी उच्च शिक्षा के अवसर सीमित रहना चिंता का विषय है।छात्रों ने यह भी कहा कि बार-बार दिल्ली या रोहतक जाना आर्थिक रूप से भी परेशान करता है। यात्रा, किराया, समय की बर्बादी और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दे लगातार सामने आते हैं। यदि गुरुग्राम में पर्याप्त कॉलेज और सीटें उपलब्ध हों, तो छात्रों का समय, पैसा और ऊर्जा बच सकती है।
गुड़गांव के युवाओं की अपील
इसके अलावा, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि गुड़गांव में अधिक कॉलेज खुलने से स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा। शिक्षकों, स्टाफ और विभिन्न सेवाओं के लिए अनेक अवसर पैदा होंगे, जिससे जिले की आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। युवाओं ने जिला प्रशासन, राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से अपील करते हुए कहा है कि जिस गति से गुड़गांव का शहरी विकास हो रहा है, उसी गति से यहां उच्च शिक्षा ढांचे को भी मजबूत किया जाए। नए कॉलेजों की स्थापना और सीटों की बढ़ोतरी न केवल समय की जरूरत है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को मजबूत करने का भी बड़ा कदम होगा।