जाट आंदोलन आगजनी मामला: HC ने हरियाणा सरकार और CBI को भेजा नोटिस

punjabkesari.in Saturday, Dec 24, 2016 - 10:56 AM (IST)

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): प्रदेश में फरवरी माह में हुए जाट आंदोलन के दौरान कैप्टन अभिमन्यु के घर हुई आगजनी व तोड़फोड़ के मामले में रोहतक पुलिस द्वारा एक ही घटना में 2 एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने को चुनौती देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें 27 फरवरी को दर्ज की गई दूसरी एफ.आई.आर. को खारिज किए जाने की मांग की गई है।

मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और सी.बी.आई. को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। केस की अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी। मामले में रोहतक के सुदीप कलकल, मनोज दुहान, अभिषेक उर्फ बिन्नी, जोङ्क्षगद्र उर्फ जोगा, मास्टर महेंद्र व राहुल उर्फ रिंकू  ने हरियाणा सरकार और सी.बी.आई. को पार्टी बनाया है। 

याचिकाकत्र्ता एडवोकेट आकाशदीप सिंह ने कहा है कि 27 फरवरी, 2016 को रोहतक के पुलिस थाने में आम्र्स एक्ट, हत्या के प्रयास, डकैती, दंगा करने, सरकारी कर्मी को ड्यूटी के दौरान बाधा पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने व अन्य धाराओं में दर्ज केस खारिज किया जाए। कहा गया है कि जाट आंदोलन के दौरान फरवरी, 2016 में 19 फरवरी को हरियाणा के मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर कुछ लोगों ने जला दिया था। मामले में हरियाणा पुलिस ने 2 लोगों की शिकायतों पर 2 एफ.आई.आर. दर्ज की थी। इनमें एक शिकायतकत्र्ता कैप्टन अभिमन्यु के घर का सिक्योरिटी गार्ड व दूसरे कैप्टन अभिमन्यु के रिश्तेदार थे।

याचिका के मुताबिक दोनों एफ.आई.आर. में एक से तथ्य हैं और इन दोनों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। कहा गया है कि कानून के तहत एक ही घटना व एक तरह के बयानों पर 2 एफ.आई.आर. कानून के तहत मान्य नहीं हैं। इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट्स का हवाला दिया गया है। संबंधित घटना को लेकर पहले अज्ञात के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया। इसके हफ्ते बाद पुलिस ने इसी घटना की एक और एफ.आई.आर. दर्ज कर दी जिसमें कैप्टन अभिमन्यु के रिश्तेदार शिकायतकत्र्ता थे। शिकायतकत्र्ता कैप्टन अभिमन्यु के भतीजे के मुताबिक घटना वाले दिन वह घर के अंदर ही थे और आरोपियों की पहचान किए जाने का दावा किया गया। 

इस दूसरी एफ.आई.आर. में पुलिस ने 40 के लगभग लोगों को गिरफ्तार किया था और कोर्ट में चालान पेश किया। पुलिस द्वारा केस की जांच पूरी कर लेने के बावजूद सितम्बर-अक्तूबर में नोटिफिकेशन जारी कर 27 फरवरी को दर्ज हुई दूसरी एफ .आई.आर. की जांच सी.बी.आई. को सौंप दी गई। वहीं कहा गया है कि मामले में पहले 20 फरवरी को दर्ज एफ.आई.आर. भी सी.बी.आई. को सौंप दी गई थी। 
 


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