दिल्ली में सहमति की उम्मीद में लोगों ने बनाया था हलवा, अब कर रहे कूच की तैयारी

punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2017 - 10:28 AM (IST)

पानीपत:गत दिवस मुख्यमंत्री से बैठक न होने से नाराज अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने दिल्ली कूच की तैयारियां शुरु कर दी है। बताया जा रहा है कि उग्राखेड़ी में दिल्ली में सहमति की उम्मीद में खुशी जताने को लेकर हलवा बनाया गया था। यहां अन्य दिनों की अपेक्षा लोगों की अधिक भीड़ थी। लेकिन दोपहर को यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार उनके साथ धोखाधड़ी कर रही है। अब वे 20 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। जिसके चलते प्रशासन अलर्ट हो गया अौर जिले भर में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। डीसी और एसपी ने शनिवार सुबह जिले के अधिकारियों और कर्मचारी की मीटिंग बुलाई है।

इसके अतिरिक्त झज्जर में 18 मार्च से 21 मार्च तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है और SMS सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। इतना ही नहीं उन्होंने शराब के ठेकों को भी बंद करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही जानकारी मिल रही है कि फतेहाबाद प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू की है। वहीं हांसी में सुरक्षा के चलते अर्धसैनिक बलों की 2 और कंपनियां बुला ली गई हैं।

दिल्ली में हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ बैठक के बाद सहमति की घोषणा का इंतजार सभी को था। धरने पर सुरेश आर्य ने कहा कि सरकार जाट समाज के साथ मजाक कर रही है। पांच किसान जातियों को आरक्षण दिया जाना है। सरकार की कमेटी खुद बातचीत के लिए बुलाती है और सीएम के साथ बैठक होनी तय करती है। इसके बाद सीएम का बैठक न करना ठीक नहीं है। जिलाध्यक्ष सतबीर देशवाल ने कहा कि समिति के पास चंदा राशि आई है। ट्रैक्टर के साथ ड्रम में पहले ही तेल भरकर रखने के लिए कहा। समिति इसके लिए राशि देगी। संघर्ष समिति राष्ट्रीय सचिव प्रताप दहिया ने कहा कि पानीपत में मंत्रियों की कमेटी के साथ सहमति नहीं बनी थी। इसी लिए पानीपत में प्रेसवार्ता नहीं की गई। दिल्ली में सीएम के साथ बैठक के बाद ही सभी मांगों पर सहमति होनी तय थी। जाट समाज के लोगों को दिल्ली बुलाकर खुद सीएम चंडीगढ़ आ गए।

जाट न्याय धरने पर दोपहर बाद समिति प्रदेश महासचिव सुरेंद्र मलिक ने कहा कि दिल्ली कूच पहले की तरह तय है। हर गांव में प्रचार टीम भेजकर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आह्वान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार सरकार बातचीत का न्योता देकर आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रही है। जाट समाज अपनी मांगों पर अडिग है। 
 


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