पानीपत फिल्म पर बोले हुड्डा- व्यावसायिक लाभ के लिए इतिहास को तोडऩा-मोडऩा नहीं चाहिए

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 11:09 AM (IST)

चंडीगढ़ (बंसल): नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पानीपत फिल्म को लेकर छिड़े विवाद पर कहा कि व्यावसायिक लाभ के लिए इतिहास को तोडऩा-मरोडऩा नहीं चाहिए। यह फिल्म मैंने देखी नहीं है लेकिन जो बताया गया है उसमें महाराजा सूरजमल के लिए जो दर्शाया गया है वह ऐतिहासिक सत्य नहीं है। महाराजा सूरजमल का इतिहास में अपना स्थान था, वह बहादुर और दानी थे। 

इस फिल्म में महाराजा सूरजमल के बारे में जो बातें बताई गई हैं, वह गलत हैं। किसी को भी फिल्म बनाने से पहले इतिहास के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सीन फिल्म से हटना चाहिए। हिसार में एक छात्रा के मुंह पर कालिख पोतने की घटना को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। एन.आर.सी. के बारे में पूछने पर हुड्डा ने कहा कि बिल पास हो गया है लेकिन जो सवाल उठाए गए हैं, केंद्र सरकार को उन सवालों का जवाब देना चाहिए।

राज्य सरकार पर साधा निशाना 
हुड्डा ने भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार का अभी तक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम नहीं आया है, जिससे यही नहीं पता कि सरकार किस दिशा में चलेगी। सरकार पहले कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बताए। खनन घोटाले पर उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले की सी.बी.आई. या हाईकोर्ट के जज से जांच करवाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा को उसका हिस्सा मिलना चाहिए। गन्ना किसानों की मांग का समर्थन करते हुए हुड्डा ने कहा कि उनकी मांग वाजिब है और सरकार ने 5 वर्ष से गन्ने का भाव न के बराबर बढ़ाया है, जबकि महंगाई सातवें आसमान को छू रही है। 

धान घोटाले पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एक मंत्री कहते हैं कि कोई घोटाला नहीं हुआ, एक मंत्री कहते हैं कि जांच नहीं हुई, एक कहते हैं कि जांच होनी चाहिए। सरकार की दिशा किस तरफ जा रही है, पता नहीं। असली नुक्सान तो किसान का हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान के नुक्सान की पूॢत करनी चाहिए। ई.डी. की जांच को लेकर उन्होंने सरकार पर राजनीतिक द्वेष का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। दूध का दूध और पानी का पानी होगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static