होटल का वेटर बना यूपी में नायब तहसीलदार, जानिए हिमांशु की फर्श से अर्श तक की कहानी
punjabkesari.in Saturday, Jul 15, 2023 - 06:21 PM (IST)

बहादुरगढ़(प्रवीण): जीवन में कोई भी लक्ष्य आपके हौसले और साहस से बड़ा नहीं हो सकता। फिर चाहे बाधाएं कैसी भी हो, बाधाओं को पार कर सफलता आपके कदम चूम ही लेती है। हर मुश्किल को आसान कर अपने सपनों को पूरा करने की ये कहानी है हिमांशु की। बहादुरगढ़ के जाखौदा मोड़ बाईपास पर स्थित देशी ढाणी होटल में वेटर का काम करने वाला हिमांशु उत्तर प्रदेश में नायब तहसीलदार बन गए हैं। उनका आज देशी ढाणी होटल पर जोरदार स्वागत किया गया। वहीं भारतीय तैराकी संघ के उपप्रधान, हरियाणा ओलम्पिक संघ के महासचिव और हरियाणा तैराकी संघ के महासचिव अनिल खत्री ने फूलमाला और मिठाई खिलाकर हिमांशु को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
बाधाओं से लड़ते हुए मुकाम पर पहुंचे हिमांशु
बता दें कि हिमांशु को वेटर से नायब तहसीलदार के इस सफर में कई बाधाएं आई। कई बार हौसले भी जवाब देने लगे,लेकिन हर बार खुद को संभालते हुए हिमांशु ने अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखा और यूपी पीसीएस की परीक्षा पास कर मुकाम हासिल की। हिमांशु की सफलता से देशी ढाणी होटल का स्टाफ और परिवार बेहद खुश है।
पिता का कुछ समय पहले हो गया निधन
हिमांशु उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के पास औरैया का रहने वाला है। पिता रेलवे में कर्मचारी थे। कुछ समय पहले उनका देहांत हो गया। हिमांशु के दो छोटे भाई भी हैं। जो फिलहाल पढ़ाई कर रहे हैं। माता पिता का परिवार को संभालने में साथ देने के लिए हिमांशु ने पढ़ाई के बाद काम शुरू कर दिया था। पहले बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र में काम किया। उसके बाद देशी ढाणी होटल पर वेटर का काम करने लगा। हालांकि उसने कभी अपने घर पर नहीं बताया कि वह वेटर का काम करता है। हिमांशु के जीवन में कई बार वो पल आया जब उसे प्याज रोटी खाकर ही सोना पड़ा था, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। परिस्थितियों से जब वो टूट रहा था तो अकेले में जाकर आंसू भी बहाए, लेकिन कभी अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे। हिमांशु का कहना है कि वे दिन में काम और रात में अपनी पढ़ाई करते थे। होटल स्टाफ और मालिक से भी उसे पढ़ाई और परिवार को चलाने में काफी मदद मिली है।
हिमांशु ने किसी काम को बड़ा या छोटा नहीं समझा
वेटर से नायब तहसीलदार के इस सफर में हिमांशु ने खाना परोसने के साथ टेबल साफ करने, बर्तन धोने और झाड़ू पोछा लगाने का भी काम किया। उसने कभी किसी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझा। देशी ढाणी के मालिक सुनील खत्री ने बताया कि हिमांशु बेहद लग्नशील और मेहनती युवा है। उसने कभी काम से जी नहीं चुराया। हमेशा हंसते हुए हर काम किया और अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। उन्होंने कहा कि मेरी सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
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