भगवा हिंदुत्व का मान-सम्मान, भगवा पवित्रता और त्याग का प्रतीक है: कंवरपाल गुर्जर

punjabkesari.in Sunday, Sep 19, 2021 - 06:59 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): कुछ दिन पहले विपक्ष शिक्षा में भगवाकरण के आरोप को लेकर भाजपा को घेरने की तैयारी में लगा था, क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे से राजनीतिक फायदा लेना चाहता था। लेकिन यह मुद्दा अब विपक्ष केे गले की फांस बन सकता है, क्योंकि भगवा हिंदुत्व का मान-सम्मान और पहचान है। केवल सनातन धर्म में ही नहीं भगवे का सम्मान हमारे सभी 10 सिख गुरुओं ने भी इतना ही किया है और शिक्षा में हिंदू-सिक्ख गुरुओं योद्धाओं के बलिदान का इतिहास और गीता के श्लोकों का विरोध विपक्षी दल कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़े करने वाला साबित हो सकता है, क्योंकि इसका विरोध सीधे तौर पर हिंदुत्व का विरोध और आक्रमणकारी हमारे धर्म के दुश्मनों को सही साबित करने की कोशिश है। इस मुद्दे पर अब भाजपा विपक्ष को घेरती हुई नजर आ रही है।

प्रदेश के शिक्षा, पर्यटन एवं वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने इस मामले में बड़ी सहजता से जवाब देते हुए कहा कि कुछ लोगों को अपने गौरव का अनुभव नहीं है। बाहर के आक्रमणकारियों जिन्होंने इतने जुल्म किए उन पर यह लोग गौरव कर रहे हैं और जिन महापुरुषों ने देश प्रदेश की संस्कृति बचाई। जिन्होंने हमारे लिए लड़ाई लड़ी। उन पर उंगली उठा रहे हैं। लेकिन हमें गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुषों पर गौरव है। भारत कोई आजादी की लड़ाई से ही शुरू नहीं होता। जिन्होंने देश की लड़ाई लड़ी और देश को आजाद करवाया वह भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, बाल गंगाधर तिलक भी हमारे गौरव हैं। लेकिन इनके साथ-साथ इनसे पहले काम करने वाले महापुरुषों द्वारा किए गए अच्छे कामों की जानकारी हमारे बच्चों को होनी चाहिए। क्योंकि यह उनके चरित्र के निर्माण के साथ-साथ उनके उत्साह को भी बढ़ाएगा।

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हमारे बच्चों को यह पता लगना चाहिए कि हमारे बुजुर्गों ने किस प्रकार से बलिदान दिए। समय-समय पर त्याग करने वाले महापुरुषों का इतिहास हमारे बच्चों के चरित्र को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। किसी को यह भगवाकरण लगता है तो निश्चित तौर पर हम भगवाकरण करेंगे और भगवा कोई बुरी चीज नहीं है। भगवा हमारी पहचान है। भगवान राम से लेकर महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह तक ने भगवे के लिए लड़ाई लड़ी। भगवा पवित्रता और त्याग का प्रतीक है। इसीलिए हमें भगवे में कोई दिक्कत नहीं है। हम इस काम को करेंगे और देश-धर्म के लिए बलिदान और त्याग करने वाले महापुरुषों के बारे में बच्चों को शिक्षा के माध्यम से बताया जाएगा यह भी बताया जाएगा कि आक्रमणकारियों ने किस प्रकार से जुल्म किए।

कंवरपाल गुर्जर ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी को मानना चाहिए। क्योंकि इससे जो नुकसान हो रहा है वह हरियाणा का नुकसान है, न कि बीजेपी का। हरियाणा का नुकसान हमारी पूरी तीन करोड़ की आबादी का नुकसान है। हरियाणा का नुकसान देश का नुकसान है और कोई भी ऐसा काम जिससे समाज, देश और प्रदेश का नुकसान हो, नहीं करना चाहिए। अगर कोई बात कहने या करनी है तो तरीके से करनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि इस फैसले के बाद आंदोलनकारी संगठन भी इसमें सहयोग करेंगे। उन्होंने हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा दिए गए बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनका यह बयान बिल्कुल गलत है। क्योंकि अगर पंजाब में बैठने से पंजाब का नुकसान होता है तो हरियाणा में बैठने से हरियाणा का भी उसी प्रकार से नुकसान होगा। पंजाब की तरह ही हरियाणा का नुकसान भी हिंदुस्तान का नुकसान है। इस आंदोलन के कारण सारे उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे हैं। बाहर से आने वाले इन्वेस्टर प्रभावित हो रहे हैं। कॉविड के कारण पहले ही देश ने बहुत नुकसान उठाया है। अब विपक्ष द्वारा अपने स्वार्थ के लिए भड़काना अच्छी बात नहीं है। आंदोलनकारियों ने लोकतंत्र की प्रक्रिया को बंद कर दिया है। वह जनता के बीच में जाने से विरोध करते हैं। मेरा मानना है कि यह जनता के बीच जाकर अपनी बात रखें। सभी विपक्षी दल भी जनता के बीच जाकर अपनी बात रखें और हम भी अपनी बात रखेंगे। जनता फैसला कर देगी कि क्या ठीक है और क्या गलत ? लेकिन जो राजनीतिक दल इस प्रकार से समाज, प्रदेश, देश का नुकसान करने में मदद करेंगे तो आने वाले समय में उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

गुर्जर ने कहा कि 22 सितंबर को भारत बंद बुलाया गया है, यह उनका अधिकार है। वह लोगों से अपील करें और अगर लोग उनकी अपील पर बंद करते हैं तो यह उनकी सफलता होगी। इसमें किसी के साथ जोर-जबरदस्ती, धक्काशाही नहीं होनी चाहिए। हमने विपक्ष में रहकर बहुत बंद करवाए। लेकिन आज तक कभी जबरदस्ती नहीं की गई। अगर जनता आपके साथ है तो वह स्वयं आपके साथ बंद करके अपना सहयोग करेगी और रोष प्रकट करेगी। ऐसे ही मैं कहना चाहता हूं कि जत्थे बंदियां लोगों से अपील करें। यही लोकतंत्र का हिस्सा है।


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Content Writer

Shivam

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