विरोधियों को हराने के लिए बेगानों का साथ देने में एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है नेता

punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 11:38 AM (IST)

पानीपत (खर्ब):  शोले फिल्म में अंग्रेजों के जमाने के जेलर एक दृश्य में सिपाहियों को कहते हैं कि आधे इधर जाओ आधे उधर जाओ और बाकी मेरे पीछे आओ। हरियाणा की राजनीति में भी आजकल कुछ ऐसे ही हो रहा है। नेता जी ने अपने विरोधियों को हराने के लिए बेगानों का साथ देने में एड़ी चोटी का जोर लगा रखा है। पहले अपने कुछ साथियों को हवा के रुख के साथ अपने विश्वस्त साथियों को दूसरी पार्टी में भेज दिया। चुनाव के नजदीक समीकरण बदलने लगे तो नेता जी खुद ही दूसरी पार्टी में समा गए। 

अंदर की बात यह है कि नेता जी को दूसरो को आंख करनी है। एक दूसरे का नुक्सान करने की हरियाणा में कहावत है कि अपने घर का सत्यानाश भले ही हो जाए लेकिन पड़ोसी की तसल्ली बैठानी जरूरी है। आगे चुनाव में परिणाम क्या रहेंगे यह तो मतगणना के दिन ही पता चलेगा लेकिन चर्चा यह भी है कि विरोधियों को रोकने के लिए यह वोट बांटने की अंदर की सैटिंग है। चर्चा यह भी है कि कहीं दूसरों की तसल्ली बैठाने के चक्कर में नेता जी पर आया राम गया राम का ठप्पा न लग जाए। 

जमीनी मुद्दों से भाग रहे नेता
हरियाणा में आजकल जमीनी मुद्दों की चर्चा करने से नेता लोग भाग रहे हैं। हर कोई एक-दूसरे नेता पर छींटा कसी करने में लगा है। नेता समस्याओं व सुधार योजनाओं की बजाए ऐसे मुद्दों को भुना रहे हैं जिससे किसी गरीब का पेट नहीं भरना। अंदर की बात यह है कि गरीब, मजदूर, जरूरतमंद की किसी को फिक्र नहीं है उसे फिर वहीं सड़कों पर पत्थर तोडऩे हैं या अपना व बच्चों को पेट भरने के लिए सुबह से शाम तक मजदूरी करनी है नेताओं को अपनी सरकार बनाने या सीट जीतने से मतलब। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static