Haryana: लुवास पलवल में खोलेगा पशु विज्ञान केंद्र, किसानों व पशुपालकों को होगा फायदा
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 11:13 AM (IST)
हिसार : लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) पलवल क्षेत्र में हरियाणा पशु विज्ञान केन्द्र की स्थापना करेगा। यह केंद्र भविष्य में क्षेत्र के किसानों एवं पशुपालकों के लिए आधुनिक ज्ञान, उन्नत तकनीक और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा तथा प्रदेश में पशुपालन क्षेत्र के समग्र विकास को नई दिशा प्रदान करेगा।
यह केन्द्र पलवल क्षेत्र के गांव पातली खुर्द में बनाया जाएगा। इस केन्द्र के लिए ग्राम पंचायत पातली खुर्द, खंड पृथला द्वारा 60 कनाल व 16 मरला भूमि लुवास को 33 वर्षों की अवधि के लिए लीज पर प्रदान की गई है। इस लीज प्रक्रिया को छात्र कल्याण निदेशक एवं सम्पदा अधिकारी डा. संदीप गुप्ता, ग्राम पंचायत पातली खुर्द की सरपंच रेखा, राजबीर नंबरदार तथा पशु विज्ञान केंद्र पलवल से डा. रेखा दहिया की गरिमामयी उपस्थिति में विधिवत रूप से सम्पन्न किया गया।
किसानों को दी जाएगी आधुनिक तकनीकों की जानकारी: छात्र कल्याण
निदेशक एवं सम्पदा अधिकारी डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि हरियाणा पशु विज्ञान केंद्र को स्वास्थ्य एवं उत्पादन प्रबंधन, पशु चिकित्सा विस्तार सेवाओं तथा किसानों तक आधुनिक तकनीकों की प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत सेवा एवं रैफरल केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यह केंद्र प्रदेश में डेयरी, भेड़ एवं बकरी पालन, सूअर पालन, मुर्गी पालन तथा मत्स्य पालन को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य पशुधन एवं मुर्गी पालन से संबंधित विभिन्न रोगों का विशेष निदान, उपचार एवं नियमित निगरानी करना है। साथ ही जर्म प्लाज्म सुधार एवं स्थानीय नस्लों के संरक्षण के लिए कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।
केन्द्र खुलने से यह होगा फायदा: केंद्र
द्वारा महिलाओं, बेरोजगार युवाओं एवं किसानों को स्वरोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से डेयरी एवं मत्स्य पालन के वैल्यू-एडेड उत्पादों पर अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक व्यावसायिक एवं कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा, डेयरी एवं मत्स्य पालन से संबंधित स्नातक एवं डिप्लोमा विद्यार्थियों को इंटर्नशिप प्रशिक्षण भी दिया जाएगा तथा क्षेत्र की स्थानीय समस्याओं के समाधान हेतु क्षेत्र आधारित अनुसंधान को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
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