मैं गरीब का मंत्री हूं और मेरे दरबार प्रदेश के हर फरियादी के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं: अनिल विज

punjabkesari.in Sunday, Jul 11, 2021 - 10:40 AM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से काफी खराब चल रहा है। उनका ऑक्सीजन लेवल बेहद कम पाया गया है। चिकित्सकों द्वारा उन्हें कंप्लीट बेड रेस्ट की सलाह दी गई है। लेकिन अनिल विज है कि मानते ही नहीं। जी हां, अनिल विज स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद लगातार निरंतर ठीक उसी प्रकार प्रदेश की जनता की सेवा में लगे हैं जैसे स्वस्थ होने के दौरान लगे रहते थे। आज वह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर द्वारा शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति कर अपनी कोठी पर पहले की तरह ही दरबार लगा रहे हैं। रोजाना 300 से अधिक लोग अपनी फरियाद लेकर अनिल विज के दरबार में पहुंच रहे हैं।

अनिल विज सभी की समस्याओं को बड़े प्यार से सुन भी रहे हैं और अपने पीए के माध्यम से लिखित आदेश, दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों के नाम जारी भी कर रहे हैं। उनका यह अंदाज कोई पहली बार ऐसा नहीं देखा गया। वह पहले भी इस प्रकार से कई बार काम कर लोगों को अचंभित करते रहे हैं। कुछ समय पहले पैर फिसलने के कारण विज के पैर में फ्रैक्चर हो गया था। उसके बावजूद अस्पताल में उपचाराधीन होते हुए भी उन्होंने बखूबी अपने सभी विभागों को न केवल कंट्रोल में रखा, बल्कि समय-समय पर आदेश और दिशा निर्देश भी देते रहे और पूर्ण रूप से ठीक भी नहीं हुए थे कि हरियाणा सचिवालय में पहुंच सभी को हैरान कर दिया था।

वहीं कुछ समय पहले कोरोना संक्रमण होने पर अस्पताल में उन्होंने अपना उपचार ऐसे करवाया जैसे उन्हें कुछ हुआ ही नहीं। जिससे इलाज कर रहे चिकित्सक भी काफी हैरान हो गए थे। वही आज भी ऐसा ही नजारा उनकी कोठी पर देखने को लगातार मिल रहा है। जब स्वास्थ्य खराब है, शरीर में ऑक्सीजन का लेवल भी काफी कम है, लेकिन हौसला इतना बुलंद है कि काम पहले जितना ही कर रहे हैं। लगातार कुर्सी पर बैठकर अपने शरीर को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर द्वारा कंट्रोल कर लोगों की समस्याओं का निदान करने की कोशिश में लगे रहते हैं।

इस बारे में जब विज से बात की गई तो उनका मानना था कि उनके दर पर प्रदेश के लोग तब पहुंचते हैं, जब वह सभी जगह से निराश हो चुके होते हैं। परमात्मा ने जन्म जनसेवा के लिए दिया है और अगर ऐसे ही बीमारियों में समय व्यस्त करते रहे तो जनसेवा कैसे कर पाएंगे। उनका मानना है कि प्रदेश के कोने-कोने से उनके पास फरियादी पहुंचते हैं। कोई बस से पहुंचता है, तो कोई अपने किसी साधन से और अगर वह मौके पर ना मिले तो लोगों को कितनी निराशा हाथ लगेगी, इसका अंदाजा नहीं लगा सकते। विज ने कहा कि हर व्यक्ति में परमात्मा का वास है और परमात्मा अगर निराश हुआ तो फिर जीवन का क्या फायदा।

दरअसल प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज राजनीति में आने से पहले एक बैंक कर्मचारी थे। उस समय भी उनमें यही जज्बा बरकरार था। लोगों की सेवा करना-समाज सेवा के कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना उनकी कार्यशैली में शामिल था और यही जज्बा उन्हें राजनीति में खींच लाया। जबरदस्ती भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें सुषमा स्वराज को राज्यसभा भेजने के बाद खाली हुई सीट अंबाला छावनी से विधानसभा उपचुनाव की टिकट थमा डाली। पूरे प्रदेश में भाजपा न के बराबर थी। लेकिन क्षेत्र की जनता उनकी कार्यशैली पर मोहित थी और उन्हें विधायक बना कर विधानसभा भेज डाला। लंबे समय तक विपक्ष में रहे और लोगों के लिए लगातार प्रदर्शन-आंदोलन कर लड़ाई लड़ते रहे और पार्टी  को मजबूती देते रहे। आज भी वह यही कर रहे हैं।

जनता की सेवा उनके लिए हमेशा प्राथमिकता रही है और सर्वोपरि रही है। आज वह प्रदेश के सबसे लोकप्रिय और ताकतवर मंत्री हैं। जनता उनके दरबार में बड़ी उम्मीदों से पहुंचती है और सही समस्या पाने पर निदान करवाने की वह जी-तोड़ कोशिश करते हैं। चाहे पर्सनली अधिकारी को फोन करना पड़े या लिखित में आदेश जारी करने पड़े। जनता को रिलीफ देने की हमेशा कोशिश रहती है। आज स्वास्थ्य खराब है लेकिन सोच और हौसले बुलंद हैं। विज के दरबार में न तो यह पूछा जाता कि किस पार्टी से हैं, किस जाति से हैं, किस विधानसभा क्षेत्र से हैं ? फरियादी सिर्फ फरियादी होता है और समस्या- समस्या होती है।विज हमेशा यही कहते आए है कि मैं गरीबों का मंत्री हूं।

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Content Writer

Manisha rana

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