होली के अवसर पर भाभियों ने जमकर की देवरों की पिटाई

punjabkesari.in Thursday, Mar 21, 2019 - 03:29 PM (IST)

गोहाना/रोहतक (सुनिल जिंदल/ दीपक भारद्वाज): हरियाणा में होली का त्यौहार हो और भाभियों द्वारा अपने देवरों पर कोड़ा न बरसे ऐसा कभी नहीं हो सकता। बरसाने की लठ्ठ मार होली की ही तरह हरियाणा की कोड़ा मार होली बहुत महशूर है हरियाणा में औरते द्वारा कपड़े से बने कोहल्डा बरसाये जाने और पुरषों द्वारा कोड़ा खाए बगैर इस त्योहार को अधूरा माना जाता है। रिश्ते में भाभी लगने वाली महिलाएं अपने देवरों पर पानी, रंग डालने के अलावा कोड़े बरसाती है। जवाब में डंडों की मदद से बचाव करते लोग महिलाओं पर रंग डालते व गुलाल लगाते है  लोग इस मोके पर पुराने गिले सिक्वे भूल कर एक दुसरे को गले लगाया व रंग लगाया और जाम कर रेन डांश किया।

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गोहाना में भी होली का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया महिलाओं द्वारा कोड़े बरसाना और पुरुषों द्वारा बचाव करते हुए उन पर रंग डालना फाग का आकर्षण माने जाते है। विशेष बात ये है कि इस त्योहार पर पुराने मतभेद भुलाकर लोग एक दूसरे पर रंगों की बरसात करते । ऐसा माना जाता है कि इस खेल में आपसी द्वेष व सालभर की नाराजगी क्षणभर में दूर हो जाती है। इससे आपसी रिश्ते व संबंध प्रगाढ़ होते है लेकिन कही न कहीबात करे तो और सालो की अपेक्षा अबकी बार होली का त्यौहार फीका ही देखने को मिला कहीं कहीं पर तो अबकी बार होली मनाई ही नहीं गई वही पुलवामा हमले से शहीद हुए देश जवानों को भी याद किया।

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रोहतक में महिलाओं ने कोड़े मार होली खेली,जहाँ महिलाओ ने देवरो को कोल्डड़ो से जमकर पीटा। वहीं पुरषों ने भी महिलाओ को गुलाल लगाकर होली मनाई। साथ ही बताया जा रहा है कि शाम पुरुष  को महिलाओ को मिठाई खिलाकर इस त्यौहार की ओर भी रौनक बढ़ा देते है। वहीं महिलाओ का कहना है कि वो देवरो को कोड़ो से पीटती जरूर है लेकिन इस तरीके की परंपपराग्त होली से गीले शिकवे दूर होते है। वह इस त्यौहार का साल भर इंतज़ार करती है।वहीं पुरुषों ने कहना था कि वह इस तरह की होली खेल कर पुरखों की परंपरा को निभाते आ रहे हैं।

 


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Deepak Paul

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