प्रियंका गांधी की मेहनत व हुड्डा की सटीक रणनीति ने दिलाई जीत, नेता प्रतिपक्ष ने हिमाचल में मांगे थे वोट

punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 10:22 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): भारतीय जनता पार्टी से हिमाचल की सत्ता छीनने में कामयाब हुई कांग्रेस पार्टी वीरवार को पूरी तरह से जश्न में सराबोर नजर आई। 40 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने फतेह हासिल की और सत्ताधारी भाजपा मात्र 25 सीटों पर सिमट गई। चुनाव शुरू होने से अंत तक अगर गहनता से नजर डाली जाए तो इसमें महत्वपूर्ण भूमिका में दो चेहरे चमकते हुए दिखाई दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश से बेहद लगाव रखने वाली प्रियंका गांधी का हिमाचल के लोगों के दिलों में प्यार किसी से छुपा नहीं है। प्रियंका गांधी ने ताबड़तोड़ रैलियां करते हुए जगह-जगह लोगों को तरह-तरह से भावुक भी किया। लोकप्रिय स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने हर रैली में लोगों को हिमाचल के प्रति अपने लगाव से आकर्षित किया। हिमाचल में उनकी पहली रैली "परिवर्तन प्रतिज्ञा महारैली" में भारी भीड़ जमा हुई, जहां उन्होंने अपनी दादी का हिमाचल से आध्यात्मिक रिश्ता बताते हुए कहा कि हिमाचल के गांवों में जाने पर लोग उनकी दादी का नाम बड़े सम्मान से लेते हैं, यह बात भी लोगों के खूब मन भाई। इसके साथ-साथ मंच से प्रियंका गांधी ने लोगों से आह्वान भी किया कि 5 साल बाद सरकार बदलने की बेहद अच्छी परंपरा को मत बदलना। हिमाचल की राजधानी शिमला में प्रियंका गांधी का निवास स्थान मौजूद है। इस नजरिए से भी लोगों ने प्रियंका को अपनी बेटी के रूप में खूब प्यार और सत्कार दिया। प्रियंका गांधी इस पूरे चुनाव में एक बेहद मंझे हुए राजनेता के रूप में नजर आई। 

 

बेहतरीन मैनेजमेंट के साथ हुड्डा ने नेताओं-कार्यकर्ताओं का सामंजस्य रखा कायम

 

वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भूमिका ना केवल सामने बल्कि पर्दे के पीछे भी बेहद सटीकता भरी नजर आई। किंगमेकर की भूमिका में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल के कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की पुरानी जोड़ी ने हिमाचल की आबोहवा को बदलने का काम किया। 14वीं विधानसभा के लिए हुए इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा काफी अधिक मेहनत की गई। एक और जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा कई जनसभाओं में लोगों को विश्वास दिलवाने में कामयाब हुए, वहीं एक बेहद बेहतरीन मैनेजमेंट के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कार्यकर्ताओं का आपसी सामंजस्य भी कायम रखा।हरियाणा के राजनीतिक माहौल के अनुसार यह बात सब जानते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस आलाकमान की नजर में एक हीरे से कम नहीं है। लेकिन हिमाचल चुनाव परिणामों के बाद हुड्डा का कद कांग्रेस नेतृत्व की नजर में कहीं अधिक बड़ गया है। इसका सीधा लाभ हरियाणा के आगामी चुनावों में टिकट बंटवारे व अन्य मौकों पर हुड्डा को बड़ी तवज्जो मिलने के रूप में होगा। अगर हरियाणा में भी कांग्रेस बहुमत में आई तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाने में भी हिमाचल चुनाव परिणाम का बड़ा हाथ होगा।

 

नवनिर्वाचित विधायकों को चंडीगढ़ स्थित हुड्डा निवास पर बुलाकर हाईकमान ने दिखाया विश्वास 

 

चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर केंद्रीय नेतृत्व के विश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिमाचल के परिणाम आते ही पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों के जीते हुए सभी कांग्रेसी विधायकों को चंडीगढ़ भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निवास पर बुलाने का फैसला कांग्रेस हाईकमान द्वारा लिया गया। जिसकी पूरी व्यवस्था और संचालन भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हिसाब से हुई। देर रात हिमाचल के पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा- कांग्रेस हिमाचल के प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बैठक हुड्डा निवास पर सभी जीते विधायकों के साथ हुई और कौन मुख्यमंत्री हिमाचल का चेहरा होगा, इस पर मंथन की भी सूचना है। हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह भी साफ किया कि हिमाचल से विधायकों को शिफ्ट करने का मतलब भाजपा द्वारा जोड़-तोड़ का डर नहीं है। मतलब यह कि शुरू से अंत तक भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हिमाचल चुनाव संबंध में महत्वपूर्ण कार्यभार सौपे गए, जिसमें शत-प्रतिशत रिजल्ट देख कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस हाईकमान की नजर में मेरिट से पास हुए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जहां 2019 के चुनावों में प्रदेश में कांग्रेस को उम्मीद से अधिक सीटें जीतकर सभी को हैरान किया था, अब हिमाचल चुनावों में भी उन्होंने अपनी बेहतरीन रणनीति को साबित करके कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को सोचने पर मजबूर किया है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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