PTI एफआईआर मामला: डिप्टी सीएम दुष्यंत ने 10 दिन पहले ही कही थी बात, आखिर दर्ज हो ही गया मुकदमा

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 10:28 AM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के हुड्डा सरकार में तत्कालीन चैयरमैन व सदस्यों के खिलाफ पीटीआई भर्ती घोटाले की आशंका के चलते विजिलेंस ब्यूरो ने मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। अपको बता दें कि 20 जून को करनाल में  पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चोटाला ने कहा  था कि "विपक्ष घोटालों की बात करता है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को चाहिए कि वह अपने घोटाले देखें।

उन्होंने कहा कि एक ताजा घोटाला 1983 पीटीआई अध्यापकों की नियुक्ति का है। उन्होंने कहा कि इसकी इंक्वारी होनी चाहिए और बाईनेम एफआईआर भी होनी चाहिए, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।" दुष्यंत चौटाला ने जो करनाल में कहा वह 10 दिनों में पूरा होता सबने देखा।गौरतलब है कि दुष्यन्त के पिता अजय चौटाला व दादा ओम प्रकाश चौटाला को टीचर्स भर्त्ती घोटाले ने हुडा सरकार के कार्यकाल में ही कार्यवाही हुई थी।मामला सी बी आई को गया था।जिसमे पिता अजय चौटाला व दादा ओम प्रकाश चौटाला को सजा हुई थी।

दुष्यंत चौटाला वर्तमान भजपा-जेजीपी सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं।आज भले ही इनेलों व अपने दादा ओम प्रकाश चौटाला से उनके राजनैतिक रिश्ते बिल्कुल अलग हैं।पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला भी कहते हैं कि उन्होंने जिनको नॉक्रिया दी,जिस मामले में सजा हुई।आज वह अधिकांश लोग पडौनन्त हो चुके हैं।मगर वह सजा भुगत रहे हैं।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर अतीत में भी कई मामले सी बी आई,विजिलेंस व ई डी के पास कार्यवही में चल रहे हैं।भजपा सरकार पार्ट 1 में यह कई मामले दर्ज हुए।कुछ सी बी आई,ई डी ने दर्ज किए। कुछ जांच विजिलेंस के पास लंबित हैं।पी टी आई अध्यापकों के माँमले में भले ही अभी एफआईआर में किसी का बाई नेम मुकद्दमादर्ज नही है।लेकिन अपराधिक मामलों की जांच में जो तथ्य सामने आएंगे कार्यवाही आगे बढ़ेगी।पुराने कई मामलों में भी एफआईआर में हुड्डा का नाम नही था ,मगर जांच के बाद जो चार्जशीट कोर्ट्स में पेश हुए उनमे हुड्डा के नाम आए।भूपिंदर सिंह हुड्डा इन सभी मामलों को राजनैतिक दुर्भावना से दर्ज हुए मामले कह रहे हैं।

हुड्डा के खिलाफ दर्ज कुछ प्रमुख मामले---

1-सितंबर 2018 
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. अब गुरुग्राम के खैड़की दौला जमीन मामले में हुड्डा और वाड्रा के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है. यहां पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रॉबर्ट वाड्रा के अलावा डीएलएफ और ओमकारेश्वर प्रॉपर्टीज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर धारा 420, 120 बी, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया गया है। इनके अलावा Prevention of corruption act 1988 की धारा 13 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुड़गांव के सेक्टर 83, शिकोहपुर, सिकंदरपुर, खेड़की दौला और सिही में 7.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी, लेकिन लैंड यूज बदलने के बाद 55 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी।

2-जनवरी 2019 
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एवं अन्य के खिलाफ  मामला दर्ज किया । जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने  23 जनवरी 2019 को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आईएएस अधिकारी और तत्कालीन मुख्य प्रशासक, हुडा/तत्कालीन निदेशक, अर्बन एस्टेट, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, हरियाणा टी.सी. गुप्ता सहित 15 निजी कॉलोनाइजर के खिलाफ आईपीसी की धारा u/s 120-B, r/w 420  और 13(2)r/w13(1)( d) of पीसी एक्ट में मामला दर्ज किया है। 

21-मई 2016
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हुड्डा को मुश्किल में डालने वाले एक कदम में सीबीआई ने पंचकूला में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितता के लिए एक मामला दर्ज किया है।  सीबीआई ने पंचकूला में औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितता के लिए एक मामला दर्ज किया है। उस समय हुड्डा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकार (हुडा) के अध्यक्ष थे। हुड्डा ने इस कदम को ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध’ बताया।

हरियाणा के सतर्कता ब्यूरो ने यह मामला सीबीआई को सौंपा था। इस मामले में हुडा के तत्कालीन अध्यक्ष, तीन पूर्व नौकरशाह, 13 लाभार्थी और प्राधिकार तथा राज्य सरकार के अज्ञात अधिकारियों का नाम लिया गया है। मुख्यमंत्री हुडा के अध्यक्ष होते हैं।सीबीआई ने 16 मई को मामला दर्ज करने के बाद पूर्व नौकरशाहों और उन लाभार्थियों के खिलाफ 16 स्थानों पर छापे मारे थे जिन्होंने पंचकूला में औद्योगिक भूखंड हासिल करने के लिए कथित तौर पर अपने ‘संपर्कों’ का इस्तेमाल किया था। इन स्थानों में चंडीगढ़, पंचकूला, फरीदाबाद, दिल्ली, गुडगांव, करनाल, कुरूक्षेत्र और रोहतक शामिल हैं। प्राथमिकी के अनुसार कथित रूप से आवंटन प्रावधानों का उल्लंघन कर 14 लोगों को औद्योगिक भूखंड दिए गए। इनमें आवेदन की आखिरी तारीख समाप्त होने के बाद भी आवेदन जमा करने देने की अनुमति देना शामिल है।

1 दिसंबर 2018 
नेशनल हेराल्ड के स्वामित्व वाली एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को प्लॉट दोबारा आवंटित करने के मामले में सीबीआई ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एजेएल के अध्यक्ष मोतीलाल वोरा के खिलाफ आरोप पत्र दायर  है। आरोप पत्र आईपीसी की धारा 120बी, 420, 13(2) और 13(1) के तहत दाखिल किया गया है।भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया। मामले में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप में हरियाणा विजिलेंस विभाग ने अप्रैल-2016 में मामला दर्ज किया था।

मामले में सीबीआई ने एआईसीसी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा को भी पार्टी बनाया हुआ है। विजिलेंस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर सीबीआई भी जांच कर चुकी है। जांच पूरी करने के बाद राज्य सरकार से अभियोग की मंजूरी मांगी थी। सरकार ने एडवोकेट जनरल से कानूनी राय लेने के बाद मामले को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य की मंजूरी के लिए भेज दिया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था और अभियोजन पेश करने की मंजूरी दे दी गई थी। ऐसे में अब हुड्डा को इस मामले में भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

राज्यपाल से मंजूरी लेना इसलिए जरूरी था, चूंकि बदले नियमों के तहत पूर्व सीएम के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए राज्यपाल की मंजूरी जरूरी है। बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने उन अधिकारियों को दोषी नहीं पाया है, जिनके केस के साथ नाम जुड़े थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Isha

Recommended News

Related News

static