जनता जुमलेबाजी नहीं, जमीनी हकीकत देख कर करेगी वोट : भूपेंद्र हुड्डा
punjabkesari.in Saturday, Oct 24, 2020 - 08:50 AM (IST)
गोहाना (अरोड़ा) : भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार लोगों को बरगलाने के लिए कोरे वायदे और जुमलेबाजी कर रही है लेकिन बरोदा हलके की जनता बेवकूफ नहीं है। वह जुमलेबाजी को नहीं बल्कि जमीनी हकीकत को देखकर वोट करेगी। शुक्रवार को यह टिप्पणी पूर्व सी.एम. और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की। उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि आज किसान सड़कों पर और उसकी फसल मंडी में पिट रही है। पिछले सीजन में गेहूं और इस बार धान का एम.एस.पी. तक किसान को नहीं मिल पा रहा है। जो धान हमारी सरकार दौरान 4 से 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल रेट पर पहुंच गई थी वह आज 1700-1800 रुपए में पिट रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2007 में उनकी सरकार ने जब कांट्रैक्ट फाॄमग का कानून बनाया था तब उसमें एम.एस.पी., बैंक गारंटी और मार्कीट रेट से 15 प्रतिशत ज्यादा पर खरीद का प्रावधान जोड़ा था लेकिन मौजूदा सरकार ने किसानों की बजाय पूंजीपतियों के हित में कानून बनाए हैं। इन कानूनों से धीरे-धीरे मंडी, एम.एस.पी. और किसानी खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि 3 नए कानून लागू करके सरकार ने किसान विरोधी फैसला लिया है। इन कानूनों में एम.एस.पी. का कहीं कोई जिक्र नहीं है इसीलिए लगातार चौथे कानून की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह इस बार विधानसभा में पंजाब की तर्ज पर प्राइवेट मैंबर बिल लेकर आएंगे। अगर सरकार फिर भी अपनी जिद्द पर अड़ी रही तो हमारी सरकार आते ही इन कानूनों को खारिज कर दिया जाएगा।
दीपेन्द्र जोर-जबरदस्ती न करते तो मैं 2 लाख वोट से जीतता : अरविन्द शर्मा
धोखाधड़ी और गुंडागर्दी हमारी नहीं, कांग्रेसियों की फितरत है। यदि दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने जोर-जबरदस्ती न की होती तो मैं कम से कम 2 लाख वोट से जीतता। यह टिप्पणी शुक्रवार को रोहतक के भाजपा सांसद डा. अरविन्द शर्मा ने की। वह दीपेन्द्र हुड्डा के उस आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें उन्होंने पिछले संसदीय चुनाव में रोहतक सीट पर उन्हें हराने के लिए उनके खिलाफ साजिश होने की बात कही थी। उनके अनुसार गड़बड़ मैंने नहीं बल्कि दीपेन्द्र ने की थी।
गठबंधन हारा तो विधायकों में मचेगी भगदड़, होंगे मध्यावधि चुनाव : चौटाला
बरोदा उप-चुनाव में अगर भाजपा-जजपा गठबंधन का प्रत्याशी हार गया तो दोनों दलों के विधायकों में भगदड़ मच जाएगी। वे दूसरे दलों में कूदेंगे। इससे सरकार अल्पमत में रह जाएगी तथा मध्यावधि चुनाव करवाना अनिवार्य हो जाएगा। शुक्रवार को यह टिप्पणी इंडियन नैशनल लोकदल के सुप्रीमो और पूर्व सी.एम. ओम प्रकाश चौटाला ने की। अपने नाम से नारेबाजी कर रहे इनैलो कार्यकत्र्ताओं को पार्टी सुप्रीमो ने नसीहत दी कि वे किसी आदमी के नाम से नहीं, पार्टी के नाम से नारे लगाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अकेले नारे लगाने से काम चलता तो यह काम मैं अकेले ही कर लेता। मैं कहने में नहीं, करने में यकीन रखता हूं।
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