नगर निगम की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल- दोषी अधिकारियों को कार्रवाई के बदले मिल रही प्रमोशन

punjabkesari.in Friday, Sep 04, 2020 - 07:15 PM (IST)

फरीदाबाद (अनिल राठी): फरीदाबाद नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप हैं कि निगम के आलाधिकारी उन अधिकारियों को भी प्रमोशन दे रहे हैं, जो विजिलेंस विभाग की जांच में दोषी पाए जा चुके हैं, जबकि ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी।

गौरतलब है कि फरीदाबाद नगर निगम जहां एक तरफ करोड़ों के घाटे में जूझ रहा है, वहीं नगर निगम के आलाधिकारी इस बाबत नगर निगम को घाटे से उबारने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम करते दिखाई नहीं दे रहे। फरीदाबाद नगर निगम में घोटालों की बात होना अब आम बात हो गई है। 

फरीदाबाद में मुजेसर से लेकर सोहना टी-प्वाईंट तक सीवर लाइन डालने का काम नगर निगम की तरफ से किया गया था, उस काम में शिकायत के बाद स्टेट विजिलेंस के द्वारा घटिया सामग्री के सैंपल लिए गए थे जो कि जांच में फेल हो गए थे। वहीं इसके बाद एनआईटी में पेरीफेरी रोड नीलम से बाटा बीके चौक व चार पांच चौक रेलवे रोड पर रोड बनाई गई थी और उसका मलबा उखाड़ कर 5 किलोमीटर दूर डालना था लेकिन वहीं रेलवे रोड की निगम नर्सरी में कुछ मलबा डाल दिया गया, बाकी उसी पेरीफेरी रोड के नीचे दबा दिया गया। 

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इस पूरे कार्य में लगभग 76 करोड रुपए खर्च किए गए थे लिहाजा पूरी जांच के बाद राज्य चौकसी ब्यूरो ने इस मामले में 10 जुलाई 2017 को सभी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी किसी के खिलाफ भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हैरानी की बात तो यह है कि इन लोगों को लगातार प्रमोशन पर प्रमोशन दिए जा रहे हैं। 

लिहाजा नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठने लाजमी हैं, अब देखने वाली बात यह होगी कि हरियाणा के गब्बर कहे जाने वाले कद्दावर मंत्री अनिल विज इस पर क्या संज्ञान लेते हैं और दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है? 

वहीं जब इस मामले में फरीदाबाद के सुपरीटेंडेंट इंजीनियर वीरेंद्र कर्दम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने तो कुछ ही समय तक काम किया था, उसके बाद वह चार्ज किसी और के हवाले हो गया था।


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Shivam

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