समाप्त सिर्फ धरने हुए हैं आंदोलन नहीं, एमएसपी की लड़ाई अभी जारी है: राकेश टिकैत

punjabkesari.in Tuesday, Dec 14, 2021 - 10:10 PM (IST)

जींद/नरवाना (अनिल कुमार): मंगलवार को नरवाना के बदोवाल टोल प्लाजा धरने में पहुचे किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा कि अगर सरकार यह सोचती है कि आंदोलन समाप्त हो गया है तो यह गलत है, क्योंकि एमएसपी की लड़ाई अभी जारी है। नए कृषि कानून रद्द हो गए हैं तो किसानों ने अपने धरने समाप्त किया है और वो इसलिए ताकि सरकार शांति से अपने काम कर सके और किसानों को जल्द से जल्द एमएसपी का गांरटी मिले।

गौरतलब है कि मंगलवार को बदोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे धरने अंतिम दिन रहा। धरना समापन पर राकेश टिकेत, गुरनाम सिंह चढूनी, जगजीत डलेवाल, युद्धवीर, अभिमन्यु कोहाड़ सहित अन्य किसान नेता बदोवाल टोल प्लाजा पर किसानों के बीच पहुंचे। टोल प्लाजा पर पहुंचे सभी नेताओं पर फूल बरसाए गए और पटका पहनाकर सम्मानित किया गया।

किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि लम्बे संघर्ष के बाद किसानों ने सरकार को हराकर आंदोलन को सफल रूप दिया है। लेकिन जब तक एमएसपी पर किसानों को गारंटी कानून नहीं मिलता तब लड़ाई समाप्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण भारत की एकता को जो बल मिला है उसे और बढ़ाने के लिए अब सरकार की गलत नीतियों के साथ समाज में फैली बुराईयों को दूर करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे, जिसमें नशा, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज जैसी सामाजिक बुराईयों को मिटाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंंने किसानों से कहा कि आंदोलन ने हमें एक जुट होकर अपनी आवाज को बुलंद करना सिखा दिया है। इसका सही इस्तेताल तभी माना जाएगा जब हमें सामाजिक बुराईयों के खिलाफ भी लड़ेंगे। इसके अलावा राकेश टिकेत ने सभी किसानों को किसान आंदोलन के नाम का एक एक पौधा लगाने की भी अपील की। इस मौके पर मास्टर बलबीर सिंह, सुनील बदोवाल, सीमा बदोवाल, होशियार सिंह, जिले सिंह जैलदार, मेवा सिंह नैन, महेन्द्र सिंह चौपड़ा, आजाद पालवा, कमरजीत भाजवा, अमनदीप सिंह, खालसा सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मजदूर मौजूद रहे।

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हरियाणा के लोगों ने आंदोलन प्रभावित बनाया: चढूनी
बदोवाल टोल प्लाजा पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन को प्रभावित आंदोलन बनाने में हरियाणा के किसान मजदूरों ने अहम भूमिका निभाकर सरकार को उसकी औकात दिखाने का काम किया। किसान आंदोलन के चलते पूरे हरियाणा में किसी भी मंत्री व विधायक का हिम्मत नहीं हुई कि वह लोगों के बीच जा सके और जिसने अपने पार्टी का प्रचार करने का साहस किया। उसे सबक भी हरियाणा के किसानों ने सिखाया। चढूनी ने कहा कि इतना बड़ा आंदोलन अपने आप में एक इतिहास है और हमारी आने वाली पीढिय़ा इस इतिहास को पढेगी तो उनका सिर भी गर्व से उंचा रहेगा।

पूरे देश ने देखी हरियाणा की क्रांति
किसान नेता जगजीत डलेवाल ने कहा कि सरकार के काले कानून लागू होने पर सबसे पहले पंजाब की मजदूर किसान उठा था, लेकिन जब बात दिल्ली जाने की आई तो हरियाणा के किसान मजदूरों ने आंदोलनरत किसानों को दिल्ली पहुंचाने का काम किया। हरियाणा की सरकार ने तो पंजाब के किसानों को बोर्डरों पर रोकने के भ्रसक प्रयास किया। लेकिन हरियाणा पंजाब की एकता के सामने सरकार की नाकाबंदी रूक नहीं पाई और किसान सारी बाधाओं को पार कर दिल्ली पहुंचे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों की इस क्रांति को पूरे देश ने देखा। डलेवाल ने कहा कि हरियाणा पंजाब की एकता के बाद ही अन्य राज्यों के किसान इस आंदोलन में कूदे और आंदोलन को सफल बनाकर सरकार को धूल चटाई।

अभी हमने आंदोलन की ट्रेनिंग ली है: राकेश टिकैत
जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर आयोजित धरना समापन कार्यक्रम में एसकेएम सदस्य एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को समाप्त हुए 4 दिन हो गए लेकिन हम जहां भी जा रहे हैं, वहां लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सरकार को पता था कि यह किसान बिना जीते जाएंगे नहीं, हमारा सामाजिक ताना-बाना बुनने में बहुत समय लग गया। हमने अभी तो आंदोलन की ट्रेनिंग ली है और हमारी मांगों को लेकर ऐसे आंदोलन हम करते रहेंगे। इस आंदोलन से हमारा भाईचारा बहुत बढ़ा है। 

उन्होंने कहा कि किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत कहते थे कि जब आंदोलन में पंजाब का किसान खड़ा होता है हरियाणा का किसान उसका साथ देता है और यूपी, राजस्थान उनके साथ खड़ा हो जाता है। ऐसे आंदोलन को किसान जन आंदोलन कहते हैं। भारत में किसानों पर 70 हजार मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से 50 हजार मामले अकेले हरियाणा के किसान, जवानों पर दर्ज हुए हैं। हमने कमेटी के समझौते के वक्त कह दिया था जब तक मुकदमे वापस नहीं होते हम वापस नहीं जाएंगे। 


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Content Writer

Shivam

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