पंचायत का तुगलकी फरमान जारी, दलित महिला पंच व उसके परिवार का बहिष्कार

punjabkesari.in Saturday, May 13, 2017 - 09:35 AM (IST)

कैथल:बढ़सीकरी खुर्द पंचायत ने तुगलगी फरमान सुनाते हुए एक महिला पंच के परिवार का बहिष्कार कर दिया। महिला पंच का आरोप है कि ये फरमान इसलिए सुनाया गया है कि उसके पति ने विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए आर.टी.आई. का इस्तेमाल किया था। ओमवती ने बताया कि पिछले कार्यकाल में उसे सर्वसम्मति से पंच चुना गया था। इस बार गठित पंचायत के मुखिया राजेश कुमार की अध्यक्षता में आनन-फानन में बुलाई गई ग्राम सभा की बैठक में उसके परिवार का अकारण बहिष्कार कर दिया। 

यह थी आर.टी.आई. सूचना
7 बिंदुओं के आवेदन में अनुसूचित वर्ग की चौपाल की स्थिति स्पष्ट करने और ग्राम विकास के लिए आई राशि जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल थे। इस पर सरपंच ने नियमों को दरकिनार कर फार्म नं. 2 में परिवार के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया और इसकी प्रति डी.सी. को प्रेषित कर दी।

केवल हस्ताक्षर और अंगूठे लगाए
ओमवती और ईश्वर सिंह का कहना है कि गांव की आबादी करीब 4,000 है। ग्राम सभा की बैठक में चंद लोगों को उपस्थित दिखाया गया। महज इनके नाम के हस्ताक्षर और अंगूठे इस्तेमाल किए गए जबकि पिता, पति, जाति और पहचान के अन्य तथ्यों को छिपाया गया है। परिवार पर प्रस्ताव में लगाए गए ब्लैकमेल व झूठी शिकायतों के आरोप बेबुनियाद हैं। आर.टी.आई. के तहत उन्होंने प्रस्ताव की प्रति व जिन लोगों को बेवजह परेशान किया गया उनके नामों की सूची मांगी थी।

ओमवती ने बताया कि हरियाणा पुलिस नागरिक सेवा द्वारा उसे क्लीयरैंस सर्टीफिकेट दिया गया है। उनके व पति के खिलाफ कहीं कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। ऐसे में पंचायत को किसने छवि खराब करने का अधिकार दिया। महिला ने इसे मानव अधिकारों का हनन करार देते हुए एस.पी. से न्याय की गुहार लगाई। सरपंच राजेश कुमार ने बताया कि ग्राम सभा की बैठक में ईश्वर सिंह, उसकी पत्नी ओमवती और परिवार पर अमन-चैन भंग करने जैसे विषयों पर प्रस्ताव डाला गया है। प्रस्ताव की प्रति डी.सी. को भेजी है। संबंधित परिवार से उनका व्यक्तिगत कोई गिला-शिकवा नहीं है।


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