तहसील में भ्रष्टाचार को लेकर मचाया जमकर हंगामा, कुर्सी छोड़कर भागे कर्मचारी(VIDEO)

punjabkesari.in Monday, Jun 15, 2020 - 05:53 PM (IST)

सोहना (उमेश गुप्ता): सोहना तहसील कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार व अराजकता और रजिस्ट्री की आड़ में खाईगिरी ज्यादा बढ़ाने के विरोध में सोमवार को वकील जमात और मौजूद लोगों का गुस्सा फूट गया। टोकन देने की आड़ में मची अंधेरगर्दी और तहसील कार्यालय में भौंड़सी क्षेत्र की रजिस्ट्रियों के नाम पर संबंधित अधिकारी के साथ-साथ अब डीटीपी विभाग की तरफ से बैठाए गए कारिंदे के नाम पर 200 रुपए प्रति वर्ग गज की की जा रही अवैध वसूली काे लेकर मौजूद वकीलों और लोगों ने जमकर हंगामा मचाया।

उन्होंने तहसील में फैले भ्रष्टाचार तथा बढ़ रही अराजकता के लिए तहसील प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसे गंभीर आरोप लगाए। गुस्साए लोगों ने डीटीपी विभाग की तरफ से सोहना तहसील में रजिस्ट्रियों से पहले कागजातों की जांच के लिए लगाए गए पटवारी को घेर लिया और जब उस पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगाते हुए उससे सवाल करने शुरू किए तो डीटीपी विभाग की तरफ से तहसील में मौजूद पटवारी वहां से खिसक गया। 

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हंगामे को देख कर्मचारी बैकफुट पर आ गए
तहसीलदार व नायब तहसीलदार की अनुपस्थिति में तहसील कार्यालय में हंगामे को देख मौजूद कर्मचारी बैकफुट पर आ गए तो हालातों को भांप कम्पयूटर ऑपरेटर काम छोडक़र बिना कुछ, कहे बताए अपनी-अपनी सीटों से उठकर चले गए। जिस पर जरूरतमंद लोग अपने कार्यों के लिए इधर से उधर चक्कर काटते नजर आए। जब कई घंटे तक लोगों का काम नहीं हुआ तो गुस्साए लोग तहसीलदार व नायब तहसीलदार तथा डीटीपी पटवारी के खिलाफ तहसील कार्यालय में जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन पर उतर आए और आरोप लगाया कि सोहना तहसील भ्रष्टाचार का गढ़ बन गई है।

कर्मचारी अपनी जेबें कर रहे गर्म
भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए डीटीपी विभाग की तरफ से जो कर्मचारी यहां बैठाया गया है, वह भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की बजाय अपनी जेब गर्म कर भ्रष्टाचार को और ज्यादा बढ़ावा देने का काम कर रहा है। भौंड़सी क्षेत्र की बिना एनओसी वाली जिन रजिस्ट्रियों पर पहले तहसील के नाम पर एक हजार रुपए प्रति गर्ज अवैध वसूली हो रही थी, वह अब डीटीपी कर्मचारी को बैठाने के बाद बढक़र 1200 रुपए प्रति वर्ग गज हो गई है।

तहसीलदार ने कुछ भी बोलने से परहेज किया
देखने वाली बात ये है कि इस मामले में तहसील कार्यालय का कोई भी अधिकारी, कर्मचारी कुछ बोलने व मुंह खोलने को तैयार नहीं है। जब तहसीलदार से इस बारे में उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने अपनी मजबूरी जाहिर करते हुए कुछ भी बोलने से परहेज किया। तहसील कार्यालय में मौजूद लोगों ने नाम व पहचान ना बताए जाने की शर्त पर बताया कि सोहना तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री कराने से पहले टोकन लेना होता है और प्रतिदिन 25-25 टोकन ऑनलाईन व मैन्युअल रूप में दिए जाते है। 

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सोमवार को जैसे ही लोग मैन्युअल टोकन लेने के लिए लाइन में लगे तो लाइन लंबी होने पर पहले टोकन लेने के चक्कर में धक्का-मुक्की होने लगी, लेकिन 2-3 टोकन देने के बाद यह कहकर टोकन देने से मना कर दिया गया कि ऑनलाइन वाले टोकनों के साथ-साथ मैन्युअल वाले सभी टोकन वितरित हो चुके है। जिस पर मौजूद लोगों ने जमकर हंगामा मचाया और आरोप लगाया कि तहसील खुलने से पहले ही टोकन कैसे वितरित कर दिए गए, यह जांच का विषय है। 

 तहसील परिसर में बैठने वाले कई वकीलों, अर्जी नवीसों और अन्य लोगों ने अपना नाम व पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि सोहना तहसील कार्यालय में  सेक्शन 7ए के तहत अवैध कॉलोनियों में होने वाली प्लाटिंग और कॉलोनियों की रजिस्ट्रियों पर शासन-प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक के बावजूद अवैध कॉलोनियों में काटे गए प्लाटों के खाली पड़े होने के बावजूद उन पर चारदीवारी लिखकर भौंड़सी आसपास क्षेत्र की रजिस्ट्रियों का चल रहा गोरखधंधा थमने का नाम नही ले रहा है। बिना तकसीम के टुकड़ों में काटे गए 100-100 वर्ग गज प्लाटों के खाली पड़े होने के बावजूद भूमाफिया तहसील अधिकारी से मिलकर इन प्लाटों पर चारदीवारी दिखाकर मिल-जुलकर चांदी कूटने का काम कर रहे है। 


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Edited By

vinod kumar

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