सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली सरकारी योजना में घोटाला, अप्रेंटिस ने किया लाखों का गोलमाल

punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2020 - 04:08 PM (IST)

जींद (अनिल कुमार): महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में लाखों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। महिला बाल विकास विभाग जींद की अधिकारी ने बताया कि यह योजना सबसे सुरक्षित मानी जाती है, इस योजना में धोखाधड़ी की उम्मीद नहीं थी। दरअसल, उचाना में 173 महिलाओं के फर्जी खातों में पैसे डालने का मामला सामने आने के बाद जिले के सभी सीडीपीओ ने अपने रिकॉर्ड को खंगाला। जींद सीडीपीओ द्वारा की गई जांच के बाद यह घोटाला सामने आया। जींद में अप्रेंटिस पर रखे गए एक युवक ने आईडी और पासवर्ड चोरी कर 434 फर्जी महिलाओं को लाभ देकर लगभग 21 लाख रुपये से ज्यादा की राशि का गबन किया है।

खंड बाल विकास परियोजना, जींद की अधिकारी मीना शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत आंगनवाड़ी वर्करों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण के समय इस योजना के तहत उस महिला को पहली किस्त एक हजार रुपये, डिलीवरी के बाद दूसरी किस्त दो हजार रुपये और तीसरी किस्त में दो हजार रुपये कुल 5 हजार रुपये दिए जाते हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद लाभार्थी का आईडी पासवर्ड और कोड नंबर गोपनीय रखा जाता है ताकि लाभार्थी को सीधी राशि उसके खाते में दी जा सके।

वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी उषा मुआल ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व शिशु वंदना योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को तीन किस्तों में सहायता राशि प्रदान की जाती है। जिसमें महिला के पति और महिला का आधार कार्ड बैंक खाता खुलवाया जाता है और उसमें आईडी पासवर्ड गोपनीय होता है। लाभार्थी को दी जाने वाली यह योजना विभाग द्वारा ऑनलाइन की जाती है, जिसमें किसी तरह की घालमेल की आशंका नहीं रहती। मगर मिर्चपुर गांव का निवासी एक युवक जो कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर प्रशिक्षु (apprentice) था, उसने यह राशि उचाना एवं जींद खंड की कैसे लाभार्थियों के खाते से निकाली? यह जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि इस बारे युवक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी गई है और पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। 


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Shivam

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