बसों में दरवाजे पर लटक कर सफर करने को मजबूर बेटियां, धरे रह गए सरकार के दावे

punjabkesari.in Wednesday, Sep 25, 2019 - 06:29 PM (IST)

झज्जर(प्रवीण धनखड़): बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार के राज में ही बेटियों की दुर्गति देखने को मिली है। हरियाणा में जिस बेटी को बेटों के साथ खड़ा करने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर यदि देखा जाए तो इन बेटियों को मिलने वाली सहूलतों में अनदेखी की जा रही है। जिसका एक उदाहरण झज्जर जिले में देखने को मिला है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ छात्राएं रोडवेज की बस में दरवाजे पर लटक कर सफर करती नजर आ रही हैं।

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बस न होने से परेशान कॉलेज छात्राओं ने बुधवार सुबह के समय नेशनल हाईवे के डीजल चौक पर शासन व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं जब इस बारे में छात्राओं से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में कोई भी महिला कॉलेज न होने के चलते उन्हें अपने क्षेत्र से करीब बीस से 25 किलोमीटर दूर हरियाणा रोडवेज की बस में जाना पड़ता है।

उनके अनुसार सबसे दुखद पहलू यह है कि रोडवेज विभाग ने एक-एक बस सुबह के समय कॉलेज जाने के लिए लगा रखी है। लेकिन छात्राओं की संख्या इन तीन बसों से कई गुणा अधिक है। ऐसे में उन्हें कई बार लटक कर ही रोहतक कॉलेज तक का सफर तय करना पड़ता है। 

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छात्राओं का कहना था कि करीब चार साल पहले जब सीएम उनके क्षेत्र बेरी आए थे तो उन्होंने बेरी में महिला कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। लेकिन चार साल बीतने के बावजूद न तो बेरी क्षेत्र में महिला कॉलेज बन पाया और न ही सरकार ने उनके सुखद सफर के लिए रोड़वेज विभाग की व्यवस्था की। छात्राओं का कहना था कि वह इसके लिए कई बार आंदोलन भी चला चुकी है। लेकिन इन सबके बावजूद भी उनकी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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वहीं इस मामले पर झज्जर रोडवेज यूनियन प्रधान रणबीर सिंह ने बताया कि विभाग ने जिले के सभी रूट पर महिला बस लगाई हुई है। जो समस्या है वह बेरी क्षेत्र में है। लेकिन विभाग के बेड़े 11 हजार बसों की पूरे हरियाणा में जरूरत है। लेकिन विभाग के पास बसें चार हजार से भी कम है। इतनी बसें नहीं हैं कि जहां से भी छात्राएं जाती है, वहां हर जगह पर बसें लगाई जाए। इस बारे में रोहतक जिले के रोडवेज विभाग को महिला बस बढ़ाने के लिए लिखा गया है। वहां से यदि बस बढ़ाई जाएगी तो झज्जर की तरफ से भी बस छात्राओं के लिए बढ़ाई जा सकती है। उसके बाद समस्या कम हो जाएगी।


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Isha

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