दिन भर करते हैं मजदूरी, शाम को लगाते हैं ट्यूशन की मुफ्त क्लास (VIDEO)

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2018 - 08:35 PM (IST)

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): मन में कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो कोई भी बड़े से बड़ा काम भी आसान हो जाता है। ऐसा ही कर दिखाया फतेहाबाद जिले के गांव काजलहेड़ी के दो सगे और एक चचेरा भाई ने गरीब परिवार से संबंध रखने वाले तीनों के परिवार मजदूरी करते हैं। ये तीनोंं गांव के 100 के करीब गरीब बच्चों को अपने घर में ही क्लास लगा कर मुफ्त में ट्यूशन पढ़ाते हैं। इतना ही नहीं खेल के साथ कंप्यूटर भी सिखाते हैं। 24 साल के कुलबीर कुमार और 22 साल संदीप कुमार दोनों सगे भाई सुबह अखबार बांटते हैं और दिन में मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

वहीं उनके अन्य सहयोगी  विक्रम कुमार 11वीं में नॉन मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। कुलबीर डिस्टेंस से ग्रेजुएशन कर रहा है। संदीप बीए फाइनल में है। घर के एक कमरे में कंप्यूटर रूम बना रखा है। सारा सामान जेब खर्च से लिया है।

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ये रहता है शेड्यूल
कुलबीर और संदीप सुबह 6 से 8:30 बजे तक गांवों में अखबार बांटते हैं। उसके बाद वह अपनी मजदूरी व कामकाज में लग जाते हैं। शाम को 4:30 से 7:30 बजे तक वह ट्यशन पढ़ाते हैं। विक्रम सुबह स्कूल जाता है, दोपहर बाद वह भी उनकी मदद करता है।

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इतना ही नहीं सुबह व शाम को नियमित एक-एक घंटे के लिए गांव के इन बच्चों को रेस, लांग जंप आदि खेलों की प्रैक्टिस भी कराते हैं। इस घर में 80 प्रतिशत लड़कियां और 20 प्रतिशत लड़के फ्री में ट्यूशन लेतें हैद्य युवा टीचर कुलबीर गांवों में बिजली मीटरों को आधार से जोडऩे का भी काम करता है। संदीप मजदूरी करता है।

कुलबीर हिंदी व सामाजिक विषय पढ़ाता है, संदीप मैथ व कंप्यूटर व विक्रम भी मैथ पढ़ाता है। तीनों बच्चों को कक्षा के हिसाब से ग्रुप में बांट लेते हैं। वे प्राइमरी से दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं।

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युवा टीचर कुलबीर ने बताया 2 साल पहले तीन-चार बच्चे आए, उससे कहने लगे कि हमें थोड़ी देर पढ़ा दिया करो। वह पढऩे आने लगे। हमें भी अच्छा लगने लगा। पहले गांव की चौपाल में पढ़ाते थे, कुछ लोगों ने ऐतराज किया तो अपने घर पर पढ़ाने लगे।

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पहले फ्री में पढ़ाने पर डांटते थे पिता
कुलबीर व संदीप के पिता कृष्ण कुमार मजदूरी करते हैं। कुलबीर की मां शीलो देवी इन्हें डांटती थी कि मुफ्त में पढ़ाओगे तो परिवार कैसे पलेगा। बाद में जब लोगों ने प्रशंसा की, तो सुनकर अच्छा लगा। गांव की महिला सुनहरी देवी का कहना हैं कि पहले बच्चे स्कूल से आने के बाद गलियों में ही फिरते रहते थे। अब सारा दिन पढ़ाई में बीत जाता है। गांव काजलहेड़ी के सरपंच भूप सिंह ने बताया कि ये तीनों खुद गरीब हैं और गांव में इतनी तादाद में बच्चों को फ्री पढ़ाना बड़े गर्व की बात है।

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गौरतलब है 26 जनवरी को स्कूल में हुए कार्यक्रम में इन युवा अध्यापकों को सम्मानित भी किया जा चुका है और 23 जनवरी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर इन्ही बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया जिसको इलाके के लोगों ने भी खूब सराहा जा रहा है।


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