क्या चंद्रमोहन भी थामेंगे भाजपा का दामन!

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 08:41 AM (IST)

अम्बाला (सुमन भटनागर) : हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे व आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई का अगले कुछ दिनों में भाजपा में शामिल होना लगभग तय है। अभी हाल में इस मामले में वह अमित शाह व मनोहर लाल से मुलाकात भी कर चुके हैं। वह नहीं चाहते कि अब इस मामले को और लंबा खींचा जाए।  कहा जा रहा है कि उनके पास भाजपा के पाले में जाने के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं बचा है। कांग्रेस की सियासत में लंबे अर्से से सक्रिय उनके भाई चंद्रमोहन बिश्नोई भी उनके साथ भाजपा का दमन थामेंगे या नहीं यह अभी साफ  नहीं है।

कालका से 4 बार विधायक बने व हुड्डा सरकार में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रहे चंद्रमोहन ने कुलदीप के भाजपा में जाने को लेकर अभी तक न तो अपनी प्रतिक्रिया दी है और न ही अपने पत्ते खोले हैं। कुलदीप व चंद्रमोहन दोनों ही कई बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके भजनलाल की सियासी विरासत के वारिस हैं। अभी तक दोनों भाई सियासत में साथ-साथ चलते रहे, लेकिन अब लगने लगा है कि दोनों के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। चंद्रमोहन लंबे समय से कांग्रेस में हैं। वह 1993, 1996, 2000 व 2004 में कालका से विधायक रहे। 2009 व 2014 में उन्होंने यहां से चुनाव नहीं लड़ा। 2019 में कांग्रेस ने प्रदीप चौधरी को कालका से मैदान में उतारा तो उन्होंने पंचकूला से चुनाव लडऩा पड़ा, लेकिन वह हार गए। माना जा रहा है कि 2024 में भी पार्टी उन्हें कांग्रेस पंचकूला या कालका से मैदान में उतार सकती है। 

राजनीतिक क्षेत्रों का मानना है कि सियासी तौर पर अभी चंद्रमोहन की कांग्रेस में जो सम्मानजनक जगह है वह भाजपा में नहीं बन सकती। इसलिए शायद ही वह अपने भाई के रास्ते पर चलें।
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद यह साफ हो गया था अब कुलदीप कांग्रेस छोड़ेंगे। दरअसल, राज्यसभा चुनाव में वह पार्टी पर जो दबाब बना चाहते थे उसकी पार्टी आलाकमान ने परवाह नहीं की। राज्यसभा  चुनाव के तुरंत बाद उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया।

कांग्रेस चाहती है कि कुलदीप खुद पार्टी से इस्तीफा दें। जबकि कुलदीप चाहते हैं कि कांग्रेस उन्हें पार्टी से निकालने की पहल करे। यदि कुलदीप ने जल्दी भाजपा में शामिल होना है तो पहल उन्हें ही करनी पड़ेगी।
कुलदीप की क्रास वोटिंग से राज्यसभा चुनाव में हार के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान व हुड्डा की जो किरकिरी हुई है उसके बाद वे नहीं चाहेंगे कि कुलदीप पार्टी में बने रहें। भले ही कोई खुलकर न बोले लेकिन प्रदेश कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता भी हैं जो नहीं चाहते कि कुलदीप पार्टी छोड़े। इसमें कोई दो राय नहीं कि कुलदीप प्रदेश में एक बड़ा गैरजाट चेहरा हैं। 

कांग्रेस उन्हें संभाल नहीं पाई हरियाणा भाजपा में वैसे तो कई गैरजाट चेहरे हैं, लेकिन भाजपा को लगता है कि 2024 में कुलदीप का भी प्रदेश के कुछ जिलों खासकर राजस्थान की कुछ बिश्नोई बाहुल्य सीटों पर फायदा मिल सकता है। कहा जाता है कि बिश्नोई वोट बैंक में कुलदीप ने जो पकड़ बनाई है वह चंद्रमोहन नहीं बना पाए। 


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Content Writer

Isha

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