श्रमिकों के बच्चों की निर्बाध पढ़ाई के लिए चलाया जाएगा ‘जीरो ड्रॉप आऊट’ अभियान

punjabkesari.in Tuesday, Jun 12, 2018 - 11:25 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा के श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों के बच्चों की निर्बाध पढ़ाई के लिए ‘जीरो ड्रॉप आऊट’ नियम पर अभियान चलाया जाएगा ताकि ऐसे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। वे मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा विश्व बाल श्रम निरोधी दिवस पर आयोजित ‘बचपन बचाओ’ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के ईट-भट्टों , दुकानों, घरों में काम करने वाले बाल मजदूरों के स्वामियों को पहले समझाया जाए अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। बच्चों के संरक्षण के लिए प्रदेश में 69 बाल देखभाल गृह है, जहां लावारिस बच्चों का भी संरक्षण किया जाता है। इस कार्य की सफलता के लिए प्रदेश की सामाजिक संस्थाओंं तथा एनजीओं को आगे आना चाहिए।

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इस दौरान श्रम एवं रोजगार मंत्री नायब सिंह सैनी ने एक नए नारे ‘बच्चा पढ़ेगा, देश बढ़ेगा’ का आगाज करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने श्रमिक बच्चों की शिक्षा के लिए अनेक योजनाओं की शुरूआत की है। इसके तहत राज्य के मजदूरों को उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे वे भविष्य में एक सफल नागरिक बन सके। सरकार द्वारा श्रमिक के बच्चों को पढ़ाई के दौरान आर्थिक सहायता दी जाती है, जोकि कक्षा 1 से 8 के तक के विद्यार्थियों को 8 हजार रुपये, कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपये, कक्षा 12 से स्नातक तक 15 हजार तथा कक्षा स्नातक से ऊपर के विद्यार्थियों को 20 हजार रुपये दिये जा रहे हैं।

सैनी ने कहा कि इसी प्रकार कक्षा 10 वीं या 12 वीं में किसी श्रमिक बच्चे के 90 प्रतिशत या अधिक अंक आने पर 51 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रदेश के सभी श्रमिकों को पंजीकरण करवाने के लिए सरकार विशेष अभियान चलाएगी ताकि उन्हें पूरी तरह से विभाग की योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अब 21 हजार रुपये मासिक तक वेतन प्राप्त करने वाले लोगों को विभाग में पंजीकृत करवाया जा सकेगा।

इस अवसर पर आयोग की चेयरमैन ज्योति बैंदा ने कहा कि समाज की असमानताओं का बच्चों पर असर नहीं पडऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक कमजोरी के आधार पर बच्चों के साथ भेदभाव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। 


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Shivam

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