किसान की ‘रेल’ बना रही सड़क पर जाम

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 01:55 PM (IST)

जींद(ललित कुमार):शूगर मिल का पिराई सत्र शुरू होते ही शहर की सड़कों पर किसान की रेल चलनी शुरू हो गई है। शहर की सड़कों पर जाम की समस्या भी बढऩे लगी है। कारण यह है कि मिल में गन्ना लाने वाले ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर के साथ 2 से 3 ट्रालियां बांध रहे हैं। एक टै्रक्टर के साथ 2-3 ट्रालियां बांधने से शहर की सड़कें पहले की तरह जाम रहने लगी हैं। पिराई सत्र शुरू हो चुका है लेकिन जिला प्रशासन अभी तक ट्रैक्टर-ट्रालियों को मिल तक पहुंचाने के लिए कोई रूट मैच तैयार नहीं कर पाया है। जींद में शूगर मिल नरवाना रोड पर स्थित है। गोहाना रोड, सफीदों रोड, रोहतक रोड, भिवानी रोड से गन्ना लेकर आने वाले किसानों को शहर से होकर गुजरना पड़ता है। शहर के बाईपास कच्चे हैं। 

इस कारण गन्ने से भरी ट्रालियां कच्चे बाईपास से ले जाना संभव नहीं है। किसानों के सामने भी दिक्कत यह है कि वह गन्ने से भरी ट्रालियों को किस रास्ते से नरवाना रोड तक लेकर आएं और प्रशासन के सामने भी दिक्कत यह है कि वह किस तरह से शहर को जाम मुक्त बनाने का काम करे। जिला प्रशासन द्वारा हर साल पहले ही गन्ने की ट्रालियों को निकालने के लिए रूट मैच बना दिया जाता था। जिला प्रशासन गोहाना, रोहतक और सफीदों रोड से आने वाली गन्ने की ट्रालियों को सफीदों रोड पर दालमवाला अस्पताल के पास से बने कच्चे रोड के जरिए पुरानी सब्जी मंडी, अमरहेड़ी रोड होते हुए कैथल रोड के अपोलो रोड पर निकालता था, लेकिन अभी तक प्रशासन द्वारा इस बारे में कोई रूट मैच तैयार नहीं किया गया। सबसे ज्यादा दिक्कत सफीदों रोड से पटियाला चौक तक आ रही है।
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यह शहर का मुख्य मार्ग है। यह शहर से सीधा जुड़ता है इसलिए वाहनों का दबाव इसमें अधिक रहता है। यह मार्ग ज्यादा चौड़ा है, लेकिन अतिक्रमण के चलते यहां पर जाम की समस्या बढ़ रही है। सफीदों रोड पर दुकानदारों द्वारा अब फिर दुकानों के आगे अतिक्रमण करने से सड़कें सिकुड़ गई हैं। पिछले साल जिला प्रशासन ने पिराई सत्र शुरू होने से पहले ही ट्रैक्टर-ट्रालियों को गुजारने के लिए रूट मैच तैयार किया था। शहर से केवल रात के समय में ट्रैक्टर-ट्रालियों को गुजरने की अनुमति थी। अब दिन के समय में ट्रैक्टर-ट्रालियां शहर से गुजरने पर सारा दिन शहर में जाम की स्थिति बन रही है। शहर के चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मचारियों को भारी दिक्कत होती है। 

वाहन नहीं हो पाते ओवरटेक 
शहर में एक ट्रैक्टर के साथ 2 या 3 ट्रालियां बंधने से पीछे चल रहे वाहन चालक जल्दी से ट्रैक्टर-ट्राली को ओवर टेक नहीं कर पाते। ट्रैक्टर के साथ बंधी 2-3 ट्रालियां लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। रात के समय में इन ट्रैक्टर-ट्रालियों पर किसी प्रकार कोई रिफ्लैक्टर भी नहीं लगा होता। इस कारण रात के समय में ट्रालियों के कारण सड़क हादसा होने का खतरा अधिक रहता है। इस समय धुंध का मौसम शुरू हो चुका है। धुंध के मौसम में हादसे होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। रात के समय में धुंध में ट्रैक्टर के साथ 2-3 ट्राली बांधकर चलना वाहन चालकों के लिए परेशानी बनता जा रहा है। 


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