करनाल में 50 से लेकर 500 रुपए तक में धड़ल्ले से बिकता है मौत का सामान (Pics)

punjabkesari.in Wednesday, Nov 25, 2015 - 03:55 PM (IST)

करनाल (कमल मिड्ढा): कहने को तो पुलिस का काम समाज से जुर्म को मिटाना है लेकिन करनाल में ठीक इसके उल्ट पुलिस जहां एक तरफ कुछ अच्छे काम कर रही है। जैसे राहगीरी व कार फ्री डे आदि वहीं जुर्म के सौदागरों व नशे के कारोबारियों की हिमायती भी बनी हुई है। करनाल में 50 से लेकर 500 रुपए तक में धड़ल्ले से मौत का सामान बिकता है।

यह कहना गलत नहीं होंगा क्योंकि करनाल में नशे के काले कारोबार पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है जिसका नतीजा यह सामने आ रहा है कि नशे के आदि युवाओं को ही यह नशा तस्कर अपने तस्करी के धंधे में शामिल करने लगे है।

पंजाब के बाद हरियाणा नशे के कारोबार की सबसे बड़ी मंडी बनता जा रहा है। यहां कदम-कदम पर नशे के व्यापारी भावी पीढ़ी को नशे के गर्त में डुबो रहे हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस इनके बारे में सब कुछ जानते हुए भी न केवल मूकदर्शक बनी हुई है। अपितु ये कहा जाए कि इनकी संरक्षक बनी हुई है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

हरियाणा व करनाल पुलिस के बड़े अधिकारी हालांकि नशे के खिलाफ मुहीम चलाने का दावा करते हैं और मानते भी हैं कि उन्हें इस बारे में शिकायते मिली हैं लेकिन करनाल पुलिस के तमाम दावे करनाल जिले में नशे के धड़ल्ले से चल रहे अवैध कारोबार के आगे ढेर होते नजर आते हैं। रामनगर हो या प्रेमनगर, सदर बाजार हो अथवा शहर के पाश इलाके सब और नशे के सौदागरों का जाल सा फैला हुआ है।

एक अनुमान के अनुसार करनाल में नशे का प्रतिदिन का कारोबार लाखों रूपए का है जो बिना पुलिस की सरपरस्ती के सम्भव नहीं लगता। युवा पीढ़ी ही नहीं स्कूली बच्चे तक नशे के जाल में इस कदर उलझे हैं कि जिससे छूटना आसान नजर नहीं आता। हमने जब शहर में चल रहे इस अवैध कारोबार को टटोलना शुरू किया तो रोंगटे खड़े कर देने वाली हकीकत सामने आई।

नशे के जाल में फंसे युवाओं ने खुद सामने आकर इस जानलेवा और बर्बाद कर देने वाले व्यापार की सच्चाई को उजागर करते हुए इस पर लगाम कसने की करुण गुहार लगाईं। नशे के इस संताप को झेल चुके एक युवा ने बताया कि किस तरह चरस और दूसरे नशे बेचने वाले समाज की युवा पीढ़ी को खोखला करने में लगे हैं।



 


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