सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखा क्यों मारी खुद को गोली

punjabkesari.in Wednesday, Dec 16, 2020 - 09:01 PM (IST)

सोनीपत/पानीपत/करनाल (संजीव/सचिन/विकास): तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली सीमाओं पर डटे हुए हैं, सभी अलग-अलग अंदाज में किसानों को समर्थन दे रहे हैं। इसी बीच किसान आंदोलन के 21वें एक चौंका देने वाली खबर आई। सिंघु बॉर्डर पर बुधवार को किसानों के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है। उन्होंने खुद को गोली मार ली, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।

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उन्होंने सुसाइड में लिखा कि किसानों का दुख देखा, अपने हक के लिए सड़कों पर परेशान हो रहे हैं। बहुत दिल दुख रहा है, सरकार न्याय नहीं दे रही है। यह जुल्म है। जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है। किसानों के जुल्म के खिलाफ किसी ने कुछ किया, किसी ने सम्मान वापस किए तो किसी ने पुरस्कार वापस कर रोष जताया। किसानों के जुल्म के खिलाफ मैं आत्महत्य कर रहा हूं, यही सरकार के जुल्मों के खिलाफ आवाज है और किसान के जुल्म के खिलाफ आवाज है। वाहेगुरु जी दा खालसा, वाहेगुरु जी दी फतेह। 

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करनाल के सिंगड़ा गुरुद्वारा के संत बाबा राम सिंह  बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर गए हुए थे। जहां उन्होंने मंच के पीछे अपनी गाड़ी में बैठकर कर पिस्टल से खुद को गोली मारी। जिसके बाद लोग उन्हें पानीपत के पार्क अस्पताल ले आए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक बाबा राम सिंह के पास सुसाइड नोट भी मिला है। 

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उनका शव करनाल के सरकारी अस्पताल में लाया गया, जहां संगत ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और शव को सिंगड़ा में स्थित गुरुद्वारे में लेकर चले गए, लेकिन फिर बाद में संगत पोस्टमार्टम के लिए मान गई है। बाबा का शव अब पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया है। इस घटना के बाद संगत का रो रो कर बुरा हाल है। संगत का कहना है कि उन्होंने शहादत दी है। संगत ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

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जानकारी के मुताबिक बाबा संत राम कई दिन से लगातार दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों की आवाज बुलंद कर रहे थे। उन्होंने अपने प्रवचन में ये भी की किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। इसी बीच अब उन्होंने किसानों के समर्थन में सुसाइड कर लिया। 


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vinod kumar

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