धरमशिला नारायण अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञों ने "अचानक" हार्ट अटैक से जुड़े भ्रम और मिथकों को दूर किया

punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 07:07 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : धरमशिला नारायण अस्पताल, वसुंधरा एन्क्लेव ने आज एक व्यापक हृदय स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया, ताकि हृदय स्वास्थ्य के बारे में गलत धारणाएं, भ्रम और आशंकाएं दूर हों और प्रिवेंटिव हार्ट केयर के महत्व को समझा जा सके।

 

डॉ. हेमंत मदन, वरिष्ठ निदेशक और कार्यक्रम प्रमुख- कॉर्डियोलॉजी, ने व्यापक हृदय देखभाल के महत्व पर जोर दिया। डॉ. प्रदीप नायक, निदेशक और यूनिट प्रमुख- कॉर्डियोलॉजी ने कहा, "उच्च रक्तचाप को अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, लेकिन उचित निगरानी, जीवनशैली में बदलाव और मेडिकल थेरेपी के साथ, हम इसे प्रभावी ढंग से कंट्रोल कर सकते हैं।" डॉ. समीर कुब्बा, डायरेक्टर और यूनिट हेड - कॉर्डियोलॉजी ने कहा, "कोई भी हार्ट अटैक वास्तव में 'अचानक' नहीं होता। जिसे हम अचानक हार्ट अटैक कहते हैं, उसके चेतावनी संकेत पहले से ही मौजूद होते हैं- सीने में बेचैनी, सांस की कमी, थकान या शारीरिक गतिविधि के दौरान असामान्य लक्षण। लेकिन इन संकेतों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

 

डॉ. अमित बठला, सीनियर कंसल्टेंट- हृदय वक्ष संवहनी सर्जरी ने कहा कि आज एक व्यापक हृदय मूल्यांकन में निवेश आपके जीवन को बचा सकता है और आने वाले दशकों के लिए आपकी जिंदगी को संरक्षित कर सकता है। डॉ. विकास गुप्ता, वरिष्ठ परामर्शदाता - बाल हृदय रोग विज्ञान ने सभी आयु वर्ग में प्रारंभिक जांच और आइटेंडीफिकेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा "हृदय स्वास्थ्य जागरूकता जल्दी शुरू होनी चाहिए। बच्चों में जन्मजात स्थितियों से लेकर वयस्कों तक, नियमित जांच हमें समस्याओं को समझने में मदद करती है, इससे पहले कि वे जानलेवा बन जाएं।"

 

यह पहल धरमशिला नारायण अस्पताल की सामुदायिक-केंद्रित निवारक स्वास्थ्य देखभाल की ओर एक अहम बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। विश्व स्तरीय हृदय विशेषज्ञों को एक साथ लाकर, कल्याण गतिविधियों में शामिल होकर और सुलभ स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करके, अस्पताल ने एक खाका तैयार किया है कि कैसे स्वास्थ्य देखभाल संस्थान सक्रिय रूप से स्वस्थ समुदायों के निर्माण में योगदान कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में मीडिया इंटरैक्शन और सामुदायिक जुड़ाव गतिविधियां भी शामिल थीं, जिनका मकसद लोगों को हृदय रोगों का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने और रोकथाम के बारे में शिक्षित करना था। अस्पताल की यह पहल न केवल एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम है, बल्कि यह सामुदायिक-केंद्रित निवारक स्वास्थ्य देखभाल की ओर एक प्रतिमान बदलाव का प्रतीक है।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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