विश्व हृदय दिवस 2025: मेनोपॉज के बाद 83% महिलाओं को नहीं पता हृदय रोग का खतरा, कोकून हॉस्पिटल ने #SilentShift अभियान से बढ़ाई जागरूकता
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 08:26 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : विश्व हृदय दिवस पर कोकून हॉस्पिटल ने अपने विशेष अभियान #SilentShift के निष्कर्ष जारी किए। रिपोर्ट में सामने आया कि 83 प्रतिशत भारतीय महिलाओं को मेनोपॉज के बाद हृदय रोग के बढ़ते खतरे की जानकारी नहीं है। इसका मतलब है कि हर 10 में से 8 महिलाएं मध्य आयु में प्रवेश करते ही अनजाने में हृदय संबंधी जोखिम का सामना कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव से इस खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है।
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि आधी से ज्यादा महिलाएं केवल तब ही रक्तचाप, शुगर या कोलेस्ट्रॉल की जांच कराती हैं जब वे अस्वस्थ महसूस करती हैं, जबकि कुछ महिलाओं ने माना कि उन्होंने कभी भी यह जांच नहीं कराई। रिपोर्ट में बताया गया कि 40 वर्ष से अधिक आयु की बड़ी संख्या में महिलाएं थकान, सीने में भारीपन और सांस फूलने जैसी समस्याओं का सामना करती हैं, लेकिन बेहद कम महिलाएं इन लक्षणों को हृदय रोग से जोड़ पाती हैं। यह स्थिति बताती है कि महिलाओं में निवारक स्वास्थ्य देखभाल की जागरूकता अभी भी बेहद कम है।
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि ज्यादातर महिलाओं ने हृदय को स्वस्थ रखने के लिए आहार और व्यायाम को अहम माना, लेकिन बहुत कम महिलाओं ने यह समझा कि तनाव, हार्मोनल बदलाव और मेनोपॉज के बाद आने वाले परिवर्तन भी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। यह तथ्य दर्शाता है कि महिलाओं में हृदय रोग से जुड़े कारणों को लेकर जागरूकता अब भी सीमित है। अभियान का मकसद इस तथ्य को सामने लाना है कि 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए मेनोपॉज सिर्फ प्रजनन से जुड़ा बदलाव नहीं, बल्कि हृदय स्वास्थ्य से जुड़ा अहम मोड़ भी है। यह एक तरह का #SilentShift है, जिस पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता और ना ही इसकी चर्चा होती है, जबकि यही समय महिलाओं के लिए हृदय रोग के खतरे को समझने और उससे बचाव के कदम उठाने का सबसे अहम दौर होता है।
कोकून हॉस्पिटल, जयपुर के यूनिट हेड डॉ. दिलशाद खान ने बताया कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ना आम बात है, लेकिन इसकी जानकारी और जागरूकता अब भी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित रूप से हार्ट चेकअप कराना चाहिए। साथ ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव कम करने जैसे सरल कदम अपनाकर लंबे समय तक हृदय रोग के खतरे से बचा जा सकता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन जागरूकता अभी भी कम है। विश्व हृदय दिवस इस बात की याद दिलाता है कि 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं के लिए यह जीवन का चरण हृदय संबंधी जोखिमों से भरा होता है। इसलिए केवल स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम ही नहीं, बल्कि संभावित हृदय समस्याओं का समय पर पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए नियमित जांच भी बेहद जरूरी है।
कोकून हॉस्पिटल जयपुर 12 वर्षों से अधिक समय से महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहा है। इस दौरान अस्पताल ने 18,000 से अधिक शिशुओं का स्वागत किया और 10,000 से अधिक स्त्री रोग संबंधी प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं। कोकून हॉस्पिटल अपनी सेवाओं में सुरक्षा, विशेषज्ञता और करुणा को प्राथमिकता देते हुए 1.5 लाख से अधिक मरीजों की देखभाल कर चुका है।