विपक्ष ने कला अकादमी के रिनोवेशन में भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, कहा अकादमी के स्ट्रक्चर का सही ऑडिट बेहद जरूरी

punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2024 - 07:51 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो: गोवा के कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद गौड़े ने गुरुवार को बताया कि इस साल भारत का अंतरराष्ट्रीय फिल्म मोहत्सव हाल ही में पुनर्निर्मित कला अकादमी परिसर में होगा। इसके बाद से विपक्षी पार्टी और कलाकार संघ ने गोवा सरकार पर निशाना साधा है। गौड़े ने इस बात की पुष्टि की थी कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू के नेतृत्व में एक टीम ने आगामी फिल्म महोत्सव की तैयारियों के तहत कला अकादमी के परिसर का दौरा किया था।

 

सरकार में जवाब देही काफी कम है 

गोवा कांग्रेस के नेता गिरीश चोडणकर ने कला अकादमी के रिनोवेशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमला बोला। चोडणकर ने कहा कि कला एवं संस्कृति मंत्री से अधिक पीडब्ल्यूडी मंत्री के लिए कला अकादमी के स्ट्रक्चर का सही ऑडिट बेहद जरूरी है। दुर्भाग्य  से, इस सरकार में भ्रष्टाचार का स्तर बहुत ज्यादा है, इसके साथ जवाबदेही काफी कम है।

 

कांग्रेस नेता के अनुसार, सीएम जिनके पास पीडब्ल्यूडी विभाग है। इसे सार्वजनिक रूप से इन विषयों को संबोधित करना जरूरी है। इमारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करने को लेकर लागू की जा रही रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। गोवा की मशहूर कला अकादमी के रिनोवेशन की हाल ही में आलोचना की गई थी। इसकी वजह छतों से गंभीर रिसाव था। इसके बाद अकादमी में सीटों के नीचे एक सांप भी पाया गया था। 

 

अव्यवस्था का माहौल 

गोवा कला राखोन मंड के कोषाध्यक्ष फ्रांसिस कोएल्हो ने कहा कि साढ़े तीन साल के इंतजार के बाद, उन्होंने सिर्फ ऑडिटोरियम खोला और हमें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से अव्यवस्थित है। साउंड सिस्टम, लाइट, एयर कंडीशनिंग कुछ भी ठीक नहीं है। इससे पहले इस संस्था ने कला अकादमी के रिनोवेशन की समय सीमा, ठेकेदार और लागत से जुड़ी पूरी जानकारी का खुलासा करने के लिए एक श्वेत पत्र की मांग की थी। 

 

अपग्रेड करने के दौरान कलाकारों को ध्यान में नहीं रखा

कोएल्हो ने कहा था कि हमें अब प्रमोद सावंत और उनकी सरकार पर इन मुद्दों को सुलझाने  का भरोसा नहीं रहा है। हमने जनता का विश्वास बहाल करने के लिए और जांच समिति का नेतृत्व करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जैसे गैर-सरकारी व्यक्ति की मांग की है। कोएल्हो    ने अकादमी के रिस्टोरेशन प्रक्रिया में कलाकार समुदाय के साथ परामर्श ना किए जाने पर भी   जोर दिया, जिसने खराब परिणाम में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि 2004 से, सरकार ने कला अकादमी परिसर को बहाल करने या अपग्रेड करने के दौरान कलाकारों को ध्यान में नहीं रखा। हम एक श्वेत पत्र की मांग करते हैं ताकि यह समझा जा सके कि प्राथमिक हितधारकों को शामिल किए बिना इस विषय में कैसे निर्णय लिए गए।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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