इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी (आईएसी-लाइफ) बीमा ग्राम एपीआई पर कर रही भरोसा, ग्रामीण बीमा कवरेज को मजबूत करने में क्षमता को स्‍वीकारा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 07:36 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी (आईएसी-लाइफ) बीमा ग्राम एपीआई पर भरोसा कर रही है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा प्रसार को बदलने वाली साबित हो सकती है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) द्वारा हाल ही में लॉन्च किया गया बीमा ग्राम एपीआई, ग्रामीण भारत में बीमा कवरेज डेटा को सरल और प्रमाणित करने के लिए एक अग्रणी डिजिटल पहल है। यह नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) द्वारा मिनिस्ट्री ऑफ पंचायती राज (एमओपीआर), डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी-सीईपीटी द्वारा प्रतिनिधित्व) और इंश्योरेंस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (आईआईबीआई) के सहयोग से विकसित किया गया है। इस हस्तक्षेप में एक डेटाबेस और एक एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) शामिल है। 

 

बीमा ग्राम एपीआई डाक पिन कोड को लोकल गवर्नमेंट डायरेक्टरी (एलजीडी) कोड से जोड़ता है, जिससे ग्रामीण पहचान के लिए एक एकीकृत, सत्यापित डेटाबेस बनता है। बीमा ग्राम एपीआई के माध्यम से, बीमा कंपनियां अब ग्राहक के डाक पिन कोड को केवल दर्ज करके संबंधित ग्राम पंचायत (जीपी) का नाम प्राप्त कर सकती हैं, जिससे पॉलिसी के ग्रामीण स्थान की तत्काल डिजिटल सत्यापन सुनिश्चित होता है भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा प्रसार को तेज करने के लिए,आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों के लिए रूरल एंड सोशल (आरयूएसओ) अनिवार्यताएं जारी की हैं। इसके तहत, बीमा कंपनियों को पहचानी गई ग्राम पंचायतों (जीपी) और सोशल सेक्टर में जीवन, आवास, दुकानों और वाहनों का न्यूनतम प्रतिशत कवर करना होता है। हालांकि, वर्षों से बीमा कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा कवरेज को सटीक रूप से मैप करना चुनौतीपूर्ण लग रहा था। अधिकांश पहचान दस्तावेजों में जीपी का नाम नहीं होता, जिससे ग्रामीण समुदायों में बीमा प्रसार के स्तर को मापना मुश्किल हो जाता था। इससे जटिल मैनुअल सत्यापन प्रक्रियाएं अपनानी पड़ती थीं।

 

बीमा ग्राम एपीआई बीमा कंपनियों को सरकारी विश्वसनीय स्रोत से ग्रामीण बीमा डेटा की रीयल-टाइम प्रमाणीकरण और सत्यापन प्रदान करता है। यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली बीमा पॉलिसी डिजिटल रूप से मान्य हो सकें और संबंधित जीपी के साथ सटीक मैप हो सकें। मैनुअल दस्तावेजीकरण को कम करने के अलावा, यह ग्रामीण व्यवसाय रिपोर्टिंग की सटीकता, गति और दक्षता को बढ़ाता है। इस लॉन्च के बारे में, इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी (आईएसी-लाइफ) के सदस्य ने कहा, ‘‘बीमा ग्राम एपीआई का लॉन्च ग्रामीण इलाकों में बीमा को सबके लिए आसान बनाने और वहां बीमा के फैलाव को बढ़ाने व मापने में एक बड़ा कदम है। बीमा कंपनियों को उनके ग्रामीण प्रयासों की जांच करने में मदद के अलावा, यह एपीआई आने वाली नीतियों और संसाधनों के बंटवारे के लिए मजबूत बुनियादी जानकारी तैयार करने में मदद करेगा। बीमा ग्राम एपीआई भारत के जीवन बीमा के इतिहास में एक नई क्रांति लाएगी, ताकि हर ग्रामीण परिवार को देश के वित्तीय सुरक्षा कवच में शामिल और हिसाब में लिया जा सके।’ यह पहल पहले ही पांच बीमा कंपनियों दो जीवन, दो सामान्य और एक स्वास्थ्य बीमा कंपनी के साथ सफल पायलट टेस्टिंग से गुजर चुकी है, जिन्होंने एपीआई को एकीकृत, परीक्षण और सत्यापित किया है। इसे उद्योग में पूरी तरह से अपनाए जाने के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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