पूंजी बाजार में क्रांति : अब ''किस्मत'' नहीं, ''शिक्षा'' चलाएगी दिल्ली के निवेशक

punjabkesari.in Tuesday, Nov 25, 2025 - 07:15 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : भारत का सिक्योरिटी मार्केट अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बनकर उभरा है, जिसके केंद्र में दिल्ली (20.7% निवेशक) है। लेकिन इस तेज़ी के बीच, अस्थिर बाजार में सफलता केवल किस्मत से नहीं, बल्कि औपचारिक प्रशिक्षण और अनुशासन से मिल रही है। आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली भारत के कुल डीमैट खातों का 8.12% हिस्सा रखती है और व्यक्तिगत इक्विटी टर्नओवर में ₹1.1 लाख करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर है। हालांकि, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का 2025 का सर्वेक्षण चौंकाने वाला खुलासा करता है: निवेश की इच्छा रखने वाले अधिकांश लोगों के लिए ज्ञान की कमी एक बड़ी बाधा है। सर्वेक्षण में शामिल 53,357 लोगों में से 1% से भी कम ने पूंजी बाजार पर कोई शैक्षणिक कार्यक्रम लिया था।

 

इस व्यापक ज्ञान अंतराल को भरने के लिए, अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी (ASTA) जैसी संस्थाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जिन्होंने 60,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। दिल्ली के पूर्व रक्षाकर्मी सागर कुमार के लिए, जनवरी 2023 में औपचारिक प्रशिक्षण लेना 'परिवर्तनकारी' साबित हुआ। वे कहते हैं, "इसने मुझे स्पष्टता, रणनीति और अनुशासन दिया, जिससे मैं महंगी गलतियों से बच पाया और ट्रेडिंग में निरंतरता आई।" वहीं, वित्त में एमबीए कर चुकी युवा निवेशक ऋतिका खट्टर ने मनचाहे परिणाम न मिलने पर प्रशिक्षण लिया। उनके अनुसार, प्रशिक्षण ने उन्हें वित्तीय बाजार की बुनियादी बातें और तकनीकी विश्लेषण समझने में मदद की, जिससे वे अधिक समझदारी भरे निर्णय ले पाईं।

 

विशेषज्ञों का कहना है कि जहां निवेशक संख्या बढ़ रही है, वहीं ज्ञान की कमी के कारण बड़े नुकसान भी हो रहे हैं। ये सफलता की कहानियाँ साबित करती हैं कि संरचित वित्तीय शिक्षा अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि भारतीय पूंजी बाजार में दीर्घकालिक सफलता और अनुशासन के लिए अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है। शेयर बाजार में निवेश अब एक सूचित और शिक्षित प्रयास बन रहा है, जहां सफलता का मार्ग ज्ञान के प्रशिक्षण से होकर गुजरता है।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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