टेल तक पानी पहुंचाने व रबी की फसल खरीद करने में सरकार पूरी तरह से फेल: अमित सिहाग

punjabkesari.in Saturday, May 15, 2021 - 09:12 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): नहरों की टेल तक पानी न पहुंचने और फसल खरीद में अव्यस्था को लेकर हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने सरकार को घेरते हुए व्यस्था को पूरी तरह फेल बताया है। विधायक ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हर मुख्य व्यस्था को सुचारू रूप से चलाने में सरकार एवं प्रशासन फेल नज़र आ रहा है और व्यस्था की जगह अव्यस्था ज्यादा दिखाई दे रही है। 

उन्होंने कहा कि आज लगभग सभी गांव करोना की चपेट में हैं। समय पर स्थिति को न भांपने और व्यस्था में देरी के कारण करोना की पहली लहर के मुकाबले में दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्र भी करोना को चपेट में आ गया है, जिसके कारण करोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और मृत्यु दर में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अव्यस्था के चलते ही, ये भी नहीं पता चल रहा है कि कितने व्यक्तियों की करोना से मृत्यु हुई है और कितने लोगों की अन्य कारणों से।

सिहाग ने कहा कि इस महामारी के समय में भी ग्रामीण क्षेत्र की दो मुख्य जरूरतें, सिंचाई के लिए पानी और फसल की खरीद, दोनों को सुनिश्चित करने में सरकार बुरी तरह से फेल साबित हुई है। जिसके कारण रोष का माहौल पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवम् पीने के पानी के लिए नहर बंदी से पहले पूरी व्यस्था न करने के चलते, ग्रामीण आंचल के लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 

कई गांवों में ट्यूबवेल तो कई गांवो में खारा पानी पीने को मजबूर हुए लोग बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। सिहाग ने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि नहर का पानी आने पर उनकी समस्याओं का समाधान होगा, लेकिन अब सुनने में आ रहा है कि नहर में पानी होने के बाद भी टेल तक पर्याप्त मात्रा में पानी नही पहुंच रहा। जिसके कारण सिंचाई प्रभावित हो रही है।

जब उन्होंने विभागीय अधिकारियों से बात की तो अधिकारियों ने भी माना की चैनलों की सफाई न होने के कारण ही पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद, सिंचाई प्रभावित हो रही है। सिहाग ने कहा कि पानी आने से पहले प्रशासन ने चैनलों की सुध नहीं ली और उसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं। उन्होंने जहां विभागीय अधिकारियों को जल्द व्यस्था में सुधार करने को कहा, वहीं उन्होंने  ग्रामीणों को भी आह्वान किया कि मौजूदा परिस्थितियों में हमें इस सरकार और प्रशासन पर उम्मीद न रख, स्वयं अपने समीप पड़ते चैनलों की सफाई का जिम्मा उठाना चाहिए ताकि सब को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके और सरकार को भी आइना दिखाया जा सके।

सरकार को घेरते हुए सिहाग ने कहा कि इस बार की गई गेहूं की खरीद किसानों के साथ भद्दा मजाक है। उन्होंने कहा कि जहां पंजाब सरकार ने बिना खरीद को रोके 13 मई तक फसल की खरीद की गई वहीं उसके विपरित करोना का बहाना बना कर हरियाणा सरकार ने 30 अप्रैल को एकाएक खरीद बंद कर दी और जब किसानों ने इसका विरोध किया तो सरकार ने अलग अलग बयान कभी दो दिन की खरीद करने और कभी एक दिन खरीद करने के जारी कर दिए जिसके चलते किसानों के मन में संशय बना रहा।

सिहाग ने कहा कि जब खरीद शुरु करने की बारी आई तो सरकार ने फरमान जारी कर दिया कि जिन किसानों के टोकन कट चुके हैं और फसल मंडी में पड़ी है उनकी खरीद नहीं की जायेगी और अगर उसका उठान किया जायेगा तो उस पर मार्किट फीस लगाई जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के उस फरमान के चलते जिसमें कहा गया की, जो किसान मौक़े पर फसल लेकर आएगा उसकी फसल की खरीद की जाएगी, किसान अपनी फसल लेकर मंडियों में पहुंच गए लेकिन पूरी खरीद नहीं की गई।

अब फिर सरकार एक दिन और खरीद करने की बात कह कर, कहती रही की खरीद केवल अनाज मण्डी में होगी खरीद केन्द्रों पर नहीं और उसके बाद फिर बयान बदल कर कह रही है की शाम 4 बजे तक खरीद केन्द्रों पर खरीद की जाएगी। सरकार द्वारा बार बार बयान बदलने के कारण किसान मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को देखते हुए ये साबित होता है कि सरकार की मंशा फसल की पूरी खरीद करना नहीं है ये केवल जनता के विरोध के कारण खरीद करने का दिखावा कर रही है।

सरकार की नीयत सही होती तो पंजाब की तरह पूरी खरीद करती, न की महामारी का बहाना बनाकर किसानों को परेशान करती। सिहाग ने मांग की है कि सरकार खरीद के लिए कम से कम एक सप्ताह का समय निर्धारित करे। ताकि सभी किसान बिना परेशान हुए अपनी फसल मंडियों में लाकर बेच सकें।
 

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Content Writer

vinod kumar

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