निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, नवजात बच्ची को मरा घोषित कर डाला फर्श पर

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2019 - 01:18 PM (IST)

रेवाड़ी (वधवा): शहर के एक निजी अस्पताल में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब चिकित्सकों ने एक नवजात बच्ची को मरा हुआ घोषित कर बैड के नीचे फर्श पर डाल दिया और करीब 3 घंटे पड़ा रहने के बाद वह रोई। बच्ची के रोने के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने अस्पताल प्रशासन को जमकर लताड़ लगाई। इसके बाद परिजन बच्ची को अन्य अस्पताल में लेकर पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया।

जानकारी अनुसार बृहस्पतिवार की सुबह खरखड़ा गांव की अनुराधा को परिजन प्रसव पीड़ा होने पर बावल रोड स्थित एक निजी अस्पताल लेकर आया जहां कुछ देर बाद ही उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन महिला चिकित्सक व अन्य कर्मचारियों ने बताया कि प्रसव के दौरान बच्ची की मौत हो चुकी है और बच्ची को एक कपड़े में लपेटकर फर्श पर लिटा दिया। 

उन्होंने परिजनों से कहा कि वे बच्ची को अपने घर ले जाएं। प्रसव होने के बाद परिजन मां की देखरेख में लग गया। करीब 3 घंटे बाद जब बच्ची की बुआ ने बच्ची को गोद में उठाया जो उसकी सांसें चल रही थीं। उठाने के बाद बच्ची ने रोना शुरू कर दिया। यह नजारा देख एक बार तो किसी को विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब परिजनों को अस्पताल स्टाफ की लापरवाही नजर आई तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। 

यह कहना है संचालिका का 
अस्पताल संचालिका का कहना है कि बच्ची मात्र 22 से 23 हफ्ते की थी। प्रसव करवाना महत्वपूर्ण था। परिजनों के कहने पर ही प्रसव करवाया गया था। पैदा होने के बाद बच्ची में धड़कन व सांसें कम थीं जिसके बारे में परिजनों को सूचित कर दिया गया था। परिजनों के कहने पर ही बच्ची को मशीन व आक्सीजन में नहीं रखा गया था। मैडीकल के अनुसार 22 हफ्ते की बच्ची ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकती थी और जहां तक बच्ची को फर्श पर लिटाने का आरोप है, यह गलत है। बच्ची को कपड़े में लपेटकर सेफ जगह पर रखा गया था। 

दूसरे अस्पताल में बच्ची की मौत 
अस्पताल में सही इलाज नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए परिजन बच्ची को शहर के एक अन्य निजी अस्पताल में लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मशीन में लगाकर इलाज शुरू कर दिया लेकिन बच्ची ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकी और उसकी मौत हो गई।


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Isha

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