प्रिंस हत्याकांड- जांच में लापरवाही बरतने वालों को CBI कोर्ट से बड़ा झटका
punjabkesari.in Monday, Dec 01, 2025 - 11:13 PM (IST)
गुड़गांव, (ब्यूरो): निजी स्कूल के छात्र प्रिंस की हत्या मामले की जांच में लापरवाही करते हुए निर्दोष बस कंडक्टर को गिरफ्तार करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने जांच करने वाले पुलिसकर्मियों को बड़ा झटका दिया है। पुलिसकर्मियों ने सीबीआई अदालत से गुहार लगाई थी कि वह मामले की चार्ज फ्रेम करने पर रोक लगाए, लेकिन अदालत ने पुलिसकर्मियों को बड़ा झटका देते हुए 9 दिसंबर तक चार्ज फ्रेम करने के आदेश दिए हैं।
गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने और उन्हें डिस्चार्ज करने की मांग वाली याचिका को 29 नवंबर को 2025 को खारिज कर दिया है। सीबीआई विशेष न्यायाधीश राजीव गोयल की अदालत ने यह आदेश दिया है,जिसके बाद अब नौ दिसंबर को इन चारों आरोपी पुलिसकर्मियों पर औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएंगे। अदालत ने अपने फैसले में यह गंभीर माना कि पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को न केवल गलत तरीके से मामले में फंसाया था, बल्कि उन्हें टॉर्चर भी किया गया था। इस मामले में तत्कालीन एसीपी बिरम सिंह, भोंडसी थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह खटाना, सब इंस्पेक्टर शमशेर सिंह और सुभाष चंद आरोपी हैं।
इससे पूर्व इसी साल 13 जून को स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार यादव की अदालत ने इन चारों पुलिसकर्मियों पर गंभीर धाराओं में मामला चलाने की अनुमति दी थी। अदालत ने पाया है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत प्रथम दृष्टया अपराध बनता है। इन धाराओं में शामिल हैं धारा 194 (किसी निर्दोष को फंसाने के इरादे से झूठे साक्ष्य देना), धारा 330 (कबूलनामा हासिल करने के लिए चोट पहुंचाना या जबरदस्ती करना), धारा 120-बी (आपराधिक साजिश रचना), धारा 166-ए (कानूनी दिशा-निर्देशों का पालन न करना), धारा 167 (गलत दस्तावेज़ तैयार करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी देना)। न्यायालय ने इन सभी धाराओं के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए हैं, जिसका अर्थ है कि अब चारों पुलिसकर्मियों को इन आरोपों का सामना करना होगा।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Related News
ग्रैप नियमों की अवहेलना करने वालों और कचरा फैलाने वालों पर कसा शिकंजा, जुर्माना लगाया, वाहन जब्त किए