चंडीगढ़ में अपना दखल बढ़ाएगा हरियाणा

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2016 - 03:27 PM (IST)

चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ अौर अलग हाईकोर्ट को लेकर हरियाणा अौर पंजाब के मध्य छिड़ी जंग पर प्रदेश सरकार सावधान हो गई है। हरियाण सरकार ने चंडीगढ़ यूटी प्रशासन में न केवल अपना हस्तक्षेप बढ़ाने का निर्णय लिया है बल्कि अपने राज्य के हिस्से के अधिकारियों व कर्मचारियों को यहां तैनात करने की दिशा में कार्रवाई तेज कर दी है। हरियाणा सरकार ने अपने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए हैं कि वे चंडीगढ़ प्रशसन में निर्धारित अनुपात के अनुसार अपने राज्य के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न विभागों में भेजने के लिए स्वीकृति हासिल करें। 
 

चंडीगढ़ राजधानी पर अपना दावा मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने इसकी शुरूआत की है। चंडीगढ़ में अधिकारियों व कर्मचरियों की नियुक्ति का पंजाब व हरियाणा का अनुपात 60 अौर 40 का है। इसके बावजूद हरियाणा के हिस्से के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं, जबकि पंजाब के हिस्से के पद लगातार भरते जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने हाल ही में तीन एच.सी.एस. अधिकारियों को चंडीगढ़ प्रशासन में डेपुटेशन पर भेजा है। इनमें 2011 बैच के एच.सी.एस. अधिकारी मनोज कुमार, 2013 बैच की एच.सी.एस. की शिल्पा पातडा अौर राधिका सिंह शामिल हाैं। चंडीगढ़ में गृह सचिव अौर डी.सी. सरीखे अहम पदों पर हरियाणा काडर के आइ.ए.एस. अधिकारी तैनात हैं। गृह सचिव अनुराग अग्रवाल अौर डी.सी. अजीत बाला जी जोशी दोनों ही हरियाणा काडर के हैं। 

 

तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि चंडीगढ़ प्रशासन के विभागों में 60-40 का अनुपात पूरी तरह से लागू कर पाना संभव नहीं है। यह मांग एक तरह से पहले ही खारिज हो चुकी है। इस मांग को न सिर्फ प्रशासन ने खारिज किया बल्कि अलग-अलग अदालतों के फैसले भी चंडीगढ़ के कर्मचारियों के हक में गए हैं। चंडीगढ़ प्रशासन के कई विभाग अपने-अपने भर्ती नियम बना चुके हैं, जिनमें इस तरह का अनुपात रखना संभव नहीं है। 


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