कोरोना वैश्विक महामारी से ज्यादा लोगों को सता रहा डेंगू के डंक का डर, अभी तक 1 की मौत

punjabkesari.in Sunday, Sep 20, 2020 - 10:47 AM (IST)

 सोहना(सतीश):  काफी समय से कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहे लोगों को अब डेंगू के डंक का डर कोरोना जैसी महामारी से भी ज्यादा सताने लगा है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू से बचाव के लिए सरकारी हस्पतालों में डेंगू के उपचार के लिए किसी तरह के कोई उपाय नही किये गए है। डेंगू से पीड़ित मरीज निजी हस्पतालों में जाकर लूटने के लिए मजबूर हो रहे है।लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग को तेजी से पैर पसार रहे डेंगू व मलेरिया की कोई फिक्र नही है। जिससे लोगों के बीच मे स्वास्थ्य विभाग के प्रति गुस्सा व्याप्त है।

सोहना व घंघोला हस्पतालों में उपचार कराने के लिए आने वाले मरीजों के अनुसार सोहना के ग्रामीण इलाके में जिसमे मुख्य रूप से दोहला, खेड़ला, घामडोज, हरचंदपुर आदि गांवों में रोजाना डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सोहना के नागरिक हसपताल में ना तो बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए टेस्ट कराने की कोई सुविधा मुहैया कराई है और ना ही इलाज की कोई सुविधा है। जब हमारे संवाददाता ने सोहना नागरिक हसपताल में कार्यरत एसएमओ से जानकारी लेनी चाही तो एसएमओ महोदय अपने कार्यालय से नदारद मिले। जिसके बाद हसपताल में विभिन्न प्रकार का उपचार कराने के लिए आये मरीजो ने बताया कि हस्पताल की ओपीडी में मरीजो को देखने वाला कोई भी चिकित्सक डयूटी पर तैनात नही है जिससे मरीजो को इलाज कराने में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

सोहना के घामडोज गांव में एक 20 वर्षिय युवती व एक 24 साल की महिला की मौत डेंगू के कारण हो गई वहीं ग्रामीण इलाके के हर गाव में सैकड़ो लोग डेंगू बुखार से पीड़ित निजी हस्पतालों में उपचारधीन है जिनसे निजी हसपताल संचालक टेस्ट व दवाइयों के नाम पर मोटी रकम वसूल कर लोगो को लूटने का काम कर रहे है। स्वास्थ्य विभाग कार्य प्रणाली से नाराज लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर लोगों के बीच तेजी से बढ़ रही डेंगू व मलेरिया जैसे भयानक बुखार से बचाव के लिए सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।लेकिन देखना इस बात का होगा कि स्वास्थ्य विभाग तेजी से डंक मार रहे डेंगू के प्रति कितना गंभीर होता है क्या लोगों को सरकारी हस्पतालों में उपचार मिलेगा या फिर लोगों को यूं ही निजी हस्पतालों में जाकर लूटने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।


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Isha

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