देशप्रेम की गजब मिसाल: पति की शहादत के बाद पत्नी ने भी ज्वाईन की आर्मी

punjabkesari.in Sunday, Mar 11, 2018 - 05:16 PM (IST)

झज्जर(ब्यूरो): सेना में मेजर रहते हुए देश के लिए शहीद होने वाले जवान की पत्नी ने भी पति के नक्शेकदम पर चलने की ठान ली, जबकि उसे हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरी का ऑफर भी दिया था। पति की शहादत के बाद उस पर एक मासूम से बेटे की जिम्‍मेदारी भी थी, लेकिन इस वीरांगना ने सरकारी नौकरी का ऑफर ठुकरा दिया और पति की राह पर चल पड़ी। दरअसल दो साल पहले मणिपुर में उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान मेजर अमित देशवाल शहीद हो गए थे, इनकी पत्नी नीता देशवाल ने ही देशप्रेम की यह गजब मिसाल दी है। नीता को भी सेना में कमिशन मिला जिन्होंने चेन्नई में पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया।

झज्जर जिले के सुरेहती गांव के मेजर अमित देशवाल अप्रैल 2016 में मणिपुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उन्हें अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से भी अलंकृत किया जा चुका है। इनकी पत्नी नीता देशवाल चेन्नई में पासिंग आउट परेड में शामिल हुई। पति अमित देशवाल की शहादत के बाद हरियाणा सरकार ने लेडी कैडेट नीता देशवाल को सरकारी नौकरी का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने पति के नक्शेकदम पर चलने के लिए यह ऑफर ठुकरा दिया। 

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सर्विस सेलेक्शन बोर्ड की तैयारी शुरू की
दो माह बाद ही वह झज्जर से दिल्ली चली गईं। उन्होंने वहां सर्विस सेलेक्शन बोर्ड की तैयारी शुरू की। नवंबर 2016 में आर्मी सेलेक्शन सेंटर भोपाल ने उन्हें सेना के शॉर्ट सर्विस कमिशन के लिए चुना। उन्हें यह पोस्ट सैन्य विधवाओं के लिए आरक्षित कोटे के तहत मिली थी। सेना में कमिशन मिलने से पूर्व नीता देशवाल ने कहा कि वह पति के अधूरे कार्यों को पूरा करना चाहती हैं। इसीलिए उन्होंने अपने पति के पहले प्यार सेना को अपनाया।

2006 में सेना में शामिल हुए थे मेजर अमित देशवाल
मेजर अमित देशवाल 10 जून, 2006 को सेना में शामिल हुए थे। अमित देशवाल सेना की स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे, जो कि तात्कालीन समय में मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही थी। अमित शहादत से कुछ माह पहले यूएन पीस कीपिंग फोर्स में ड्यूटी करके लौटे थे। मणिपुर में उनकी तैनाती ऑपरेशन हिफाजत के तहत जनवरी, 2016 में ही हुई थी। यहां अप्रैल 2016 में राष्ट्रीय राइफल्स और विशेष बलों के संयुक्त अभियान के दौरान नुंगबा के घने जंगलों में जेलियांगरोंग यूनाइटेड फ्रंट के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में मेजर अमित देशवाल शहीद हुए थे।


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