भूमि अधिग्रहण मुआवजे की मांग को लेकर किसान संगठन रोकेंगे रेल!

punjabkesari.in Thursday, Jun 06, 2019 - 09:59 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीन धनखड़): भूमि अधिकरण मुआवजे की मांग को लेकर किसान संगठनों ने प्रदेश भर में रेल रोकने की चेतावनी दी है। रमेश दलाल बहादुरगढ़ में पत्रकारों से बातचीत 11 जून को प्रदेश भर में 29 स्थानों पर रेल रोकी जाएगी। किसान नेता रमेश दलाल का कहना है कि दादरी के रामनगर और जुलाना के किला जफरगढ़ में मुआवजा बढ़ाने के लिए किसानों का धरना लगातार जारी है और 26 मई को जुलाना के किलाजफरगढ़ में पंचायत में सरकार को 10 जून तक का समय उनकी मांगे मानने के लिए दिया गया था।

अगर सरकार 10 जून तक भूमि अधिकरण मुआवजा देने को लेकर डेडलाइन तय नहीं करती, तो 11 जून को प्रदेश भर में 29 स्थानों पर रेल रोकी जाएगी और रेल रोकने के 2 दिन बाद तक अगर मांगे सरकार की ओर से नहीं मानी गई, तो गुरुग्राम और फरीदाबाद का पानी भी किसान और सामाजिक संगठन मिलकर रोकेंगे। रमेश दलाल का कहना है की जमीन अधिग्रहण मुआवजे के साथ साथ प्रदेश में एसवाईएल का पानी लाने और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने की मांग भी सामाजिक संगठन लगातार कर रहे हैं। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

इस अवसर पर महाराष्ट्र के सोशल एक्टिविस्ट एवं मुम्बई हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बी.जी कोलसे पाटील ने भी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया। रिटायर्ड जस्टिस कोलसे पाटील का कहना है की हरियाणा के किसानों की जमीन अधिग्रहण मुआवजे की मांग जायज है और इसके साथ ही एसवाईएल का पानी और हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन करने की भी आवश्यकता है और इसीलिए वे यहां किसानों को समर्थन देने के लिए पहुंचे हैं।

पूर्व जस्टिस कोलसे पाटील ने किसानों द्वारा मुआवजा नहीं मिलने पर कानून हाथ में लेने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार कानून के हिसाब से किसानों को मुआवजा नहीं दे रही। तो इसमें कानून का उल्लंघन सरकार की ओर से किया जा रहा है। अगर सरकार ही कानून का उल्लंघन कर रही है , तो अपने हकों की लड़ाई के लिए है।


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Naveen Dalal

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