पूर्व विधायक ने लगाया पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पर पूर्व डिप्टी स्पीकर के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने का आरोप

punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 11:55 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): महम विधानसभा के पूर्व विधायक बलबीर सिंह उर्फ बाली पहलवान ने प्रदेश के पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत पर साजबाज कर उसका फ्लैट हड़पवाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि एमएलए ग्रुप हाउसिंग समिति के चेयरमैन गोपीचंद चंद गहलोत ने साजबाज करके उनका फर्जी त्यागपत्र दिखाकर यह फ्लैट गुडग़ांव लोकसभा से वर्ष 2019 में इनेलो के प्रत्याशी रहे वीरेंद्र राणा के नाम कर दिया। आर्थिक अपराध शाखा-2 (ईओडब्ल्यू-2) की जांच के बाद डीएलएफ सेक्टर-29 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी। 

गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें। 

 

पुलिस को दी शिकायत में महम के मोखरा गांव निवासी बलबीर सिंह उर्फ बाली पहलवान ने बताया कि वे हरियाणा जन प्रतिनिधि सहकारी ग्रुप हाउसिंग समिति लिमिटेड पंचकुला एट गुरूग्राम का सदस्य हैं। उन्होंने 21 मार्च 2003 में समिति की सदस्यता ग्रहण की थी। सदस्य बनने के बाद समिति में पांच लाख रुपए जमा कराए। 15 फरवरी 2005 में उनके नाम फ्लैट नम्बर 507 अलॉट किया गया। जिसके वे समय-समय पर रुपए भरते रहे। उन्होंने कुल 30,50000 रुपए समिति में जमा करवा दिये। बाली पहलवान शहर इस फ्लैट में नहीं रहते थे तो समिति के प्रधान प्रदेश के पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत ने उनसे पार्टी कार्यों के लिए फ्लैट का प्रयोग करने की बात कही। बाली पहलवान इसके लिए मान गए। वर्ष 2011 में एक केस के चलते बाली पहलवान को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिली। जिसमें उनसे कहा गया कि वे रोहतक जिले में नही जाएंगे। जिस पर उन्होंने अपने फ्लैट में जाने के बारे में सोचा और गोपीचंद गहलोत से इस बारे में बात की।

 

उन्होंने एक-दो माह में फ्लैट देने की बात कही। इस दौरान जमान अवधि समाप्त हो गई और बाली पहलवान दोबारा से जेल चला गया। फरवरी 2019 में फिर से सशर्त जमानत मिली कि उन्हें रोहतक जिला में नहीं जाना है। इस बार उन्होंने गोपीचन्द गहलोत से अपने फ्लैट के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह फ्लैट तो वीरेन्द्र राणा का हो गया है। बाली पहलवान ने उनसे कागजात दिखाने को कहा तो गोपीचंद गहलोत ने कहा कि उनकी समिति में रिकार्ड पूरी तरह सही है। आरटीआई के तहत बाली पहलवान को पता चला कि उन्होंने समिति से त्यागपत्र दिया हुआ है। जबकि उनका कहना है कि उन्होंने कोई त्यागपत्र ही नहीं दिया।

 

बाली पहलवान ने वर्ष 2020 में एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसकी जांच एसीपी डीएलएफ व एसआईटी द्वारा की गई। आरोप है कि जांच कमेटी ने इस मामले की पूर्णत: जांच नही की व बिना तथ्यों के आधार पर शिकायत को बन्द कर दिया गया था। बाली पहलवान का आरोप है कि किसी ने उनके हस्ताक्षर की कॉपी करके त्याग पत्र पर पेस्ट किये हैं या उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर किये है। त्याग पत्र के दौरान यह भी लिखा हुआ था कि उन्होंने अपने हिस्से की शेयर मनी ले ली है। वीरेंद्र राणा ने पूर्व में जांच कमेटी को यह भी बताया था फ्लैट के संबंध में पैसे उनके पिता खजान सिंह ने दिए हैं। जबकि उनके पिता की मौत हो चुकी थी। यह सब फर्जीवाड़ा करके हुआ है। आर्थिक अपराध शाखा-2 (ईओडब्ल्यू-2) की जांच के बाद डीएलएफ सेक्टर-29 थाना पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी। 

 

मामले में पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत ने कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। बाली पहलवान ने पहले भी शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन जांच कमेटी की जांच में जब उनके आरोप सही नहीं पाए गए तो उनकी शिकायत को बन्द कर दिया गया था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pawan Kumar Sethi

Related News

static