चौथी लहर से घबराने की कोई बात नहीं है, हम पूरी तरह से सजग और अलर्ट हैं: राजीव अरोड़ा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 20, 2022 - 12:23 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : दिल्ली के साथ जिलों में एकाएक कोरोना पॉजिटिव मामलों की बढ़ोतरी ने चौथी लहर की दस्तक की चर्चाओं को हवा दे दी है। पिछली लहरों के दौरान भारी जान -माल की हानि से आमजन अभी उबर भी नहीं पाया था कि गुरुग्राम-फरीदाबाद में पाए गए कोविड केसों से आमजन भारी टेंशन में देखा जाने लगा है। इस गंभीर मसले को लेकर पंजाब केसरी ने हरियाणा के गृह- स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा से विशेष मुलाकात की। जिसमें उन्होंने प्रदेश की जनता को चिंता में नहीं सतर्क रहने की सलाह दी है।

उन्होंने कहा कि हम टेस्टिंग बढ़ाने के साथ-साथ लगातार बूस्टर डोज और स्कूल-कॉलेजों के बच्चों को वैक्सीन देने की तरफ विशेष ध्यान दे रहे हैं। दिल्ली के साथ लगते 4 जिलों में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दिशा निर्देशों पर इन जिलों में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। विशेषज्ञों द्वारा पहले ही क्लियर कर दिया गया था कि कोई भी वायरस डैड नहीं होता  अरोड़ा ने जल्द ही प्रदेश को बड़ी मात्रा में चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ मिलने की बात करते हुए बताया कि अगले दो-तीन महीने बाद प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल, सेंटर जा पीएचसी-सीएचसी में स्टाफ की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने अपने गृह विभाग को लेकर भी कई विषयों पर चर्चा की। डायल 112 पर रिस्पांस टाइम कम करने के लिए किए गए विभाग के प्रयासों पर भी उन्होंने जानकारी दी। बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : प्रदेश के कई जिलों में कोरोना के बढ़ते केसों से कितना डरने की जरूरत है और क्या गाइडलाइन जारी की गई हैं ?
उत्तर :
यह केस अवश्य ही बढ़ रहे हैं, लेकिन बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसा कहना उचित नहीं होगा। सोमवार तक प्रदेश में कुल 234 केस थे। अकेले गुरुग्राम में 191 और 30-35 केस फरीदाबाद में पाए गए हैं। बाकी प्रदेश के 20 जिलों में कोई इक्का-दुक्का ही केस देखने को मिला है। हम इसे भी गंभीरता से ले रहे हैं। मैंने स्वयं गुरुग्राम जाकर गुरुग्राम -फरीदाबाद के उपायुक्तों, सीएमओ और हेल्थ टीम की बैठक ली है और हमने टेस्टिंग बढ़ाने का फैसला लिया है। पहली और दूसरी लहर में हम रोजाना 40 से 60000 टेस्टिंग कर रहे थे जो कि पिछले दिनों काफी कम कर दी गई थी। अब हमने गुरुग्राम में 3000 और फरीदाबाद में 2000 टेस्टिंग कम से कम करने के निर्देश दिए हैं। हम 12 से 14 साल के स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू कर चुके हैं। हम जल्द से जल्द स्कूल कॉलेज के बच्चों को वैक्सीनेशन से कवर करना चाहते हैं। यह दोनों डोज लगाने का प्रोसेस 1 महीने का है और बूस्टर डोज से अनकवरड़ लोगों को भी हम बूस्टर डोज जल्द देने की प्रक्रिया को तेज करेंगे। तीसरी लहर ने यह साबित किया था कि लोगों की हिफाजत में वैक्सीन ने एक बड़ा रोल अदा किया है। हम नए ग्रुप को जल्द से जल्द कवर करना चाहते हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इस मामले में काफी गंभीर हैं। उन्होंने दिल्ली से सटे चारों जिले फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत और झज्जर में कुछ गाइडलाइंस की पालना के निर्देश दिए हैं। साथ ही मास्क पहनना कंपलसरी किया है।

प्रश्न : गुरुग्राम में एकाएक कोरोना के केस बढ़ते देखे गए। इसका कारण क्या माना जाए ?
उत्तर :
यह करीब 7- 8 दिन पहले तक मात्र 46 केस थे, जोकि 2 दिन बाद ही यह सीधे 129 पर पहुंच गए थे। उसके बाद इनकी स्पीड ज्यादा तेजी से बढ़ती दर्ज नहीं हुई। वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस कभी डेड नहीं होता। ज्यादातर लोगों को प्रॉपर वैक्सीनेशन करवाई जा चुकी है या कोविड हो चुका है। जिस कारण से स्पीड बढ़ोतरी में कमी आई है। हमने नए पॉजिटिव लोगों को दोबारा से आइसोलेट करके इलाज के निर्देश दिए हैं। आज प्रदेश में लगभग 900 नए एक्टिव केस हैं। लेकिन मात्र इक्का-दुक्का लोग ही अस्पताल में नॉर्मल इलाज ले रहे हैं। कोई भी गंभीर तरह से परेशानी में नहीं है। हम पूरी तरह से सजग और अलर्ट हैं।

प्रश्न : कुछ जगह पर आरटीपीसीआर टेस्टिंग इत्यादि में जालसाजी के मामले आए। विभाग की कार्यवाही के बारे में बताएं ?
उत्तर : 
हमने लोकल सिविल सर्जन को प्राइवेट लैब इत्यादि की कार्यशैली पर नजर रखने के निर्देश दिए हुए हैं। लेकिन बहुत अधिक ऐसे मामले सामने नहीं आए। कहीं इक्का-दुक्का देखने को जरूर मिले हैं। जिससे टेस्टिंग प्रोटोकॉल पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता। हमने गवर्नमेंट सेक्टर में टेस्टिंग बढ़ाने को ही इसका सही समाधान माना है।

प्रश्न : चौथी लहर की चर्चाएं आमजन में होने लगी हैं, स्थिति स्पष्ट करें ?
उत्तर : 
हम पूरी तरह से सतर्क हैं। हम जागरूक है और हर तरह से तैयार भी हैं। लेकिन डरने जैसी कोई बात नहीं है और ना ही ऐसे कोई लक्षण है कि बड़ी परेशानी आए।

प्रश्न : बच्चों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है, आपका क्या मानना है ?
उत्तर : 
वैक्सीनेशन बूस्टर को लेकर 60 वर्ष से ऊपर या फ्रंटलाइन वर्कर्स इत्यादि के लिए सरकार के सभी आउटलेट पर निशुल्क वैक्सीनेशन उपलब्ध है। भारत सरकार ने 18 से 59 वर्ष तक के लिए भी देश के सभी प्राइवेट आउटलेट में भी नॉर्मल फीस के बाद बूस्टर डोज लगाने के निर्देश दिए हुए हैं। 12 से 14 और 15 से 18 की उम्र वाले बच्चों के लिए वैक्सीनेशन के प्रोग्राम शुरू किए जा चुके हैं जो 27 से 29 दिन के बाद में दूसरी डोज लगाई जाती है। हम वैक्सीनेशन को लेकर स्कूलों पर खास ध्यान दे रहे हैं। क्योंकि उन्हें पहली बार वैक्सीन दी जाएगी। इसलिए हमारी जल्द से जल्द यह देने की कोशिश हैं।

प्रश्न : क्या सिरो सर्वे के भी दोबारा निर्देश दिए जा सकते हैं ?
उत्तर : 
अभी सिरो सर्वे की ऐसे समय पर कोई जरूरत नहीं है और पॉजिटिव रेशो भी ऐसा नहीं है कि जल्द इसकी कोई आवश्यकता पड़ेगी।

प्रश्न : पहली- दूसरी लहर में स्वास्थ्य मंत्री और आप के दिशा निर्देशों के कारण प्रदेश जल्द बड़ी राहत पा पाया था। लेकिन डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की आज भारी कमी है ?
उत्तर : 
अप्रैल माह में 1256 चिकित्सकों के लिए हमने पहले से ही एडवर्टाइज करवा दिया था। जिसके पिछले 10 तारीख को एग्जाम भी हो गए और 18 अप्रैल को ही इसका रिजल्ट आया है। हमारी एडवर्टाइजमेंट में सभी चिकित्सकों के लिए अपने रजिस्ट्रेशन 31 मई तक करवा कर देने की बात कही गई थी। जैसे-जैसे रजिस्ट्रेशन देते रहेंगे, अप्वाइंटमेंट लेटर देने का सिलसिला 31 मई तक जारी रहेगा। पैरामेडिकल स्टाफ के लिए भी कमीशन की तरफ से विभिन्न कैटेगरी के इंडेंट हमने साल- 2 साल- 3 साल पहले से भेजे हुए थे, जोकि 1-1 कैटेगरी के रिजल्ट आने शुरू हो गए हैं। अगले दो-तीन महीने में हमारे सभी अस्पताल, सभी सेंटर, पीएचसी, सीएचसी में मेडिकल- पैरामेडिकल परमानेंट स्टाफ आना शुरू हो जाएगा।

प्रश्न : विशेषज्ञ चिकित्सकों को पोस्टमार्टम या कोर्ट में एविडेंस ड्यूटी को लेकर काफी परेशानी होती है, क्या इसका कोई समाधान है ?
उत्तर : 
कोर्ट के नए प्रोटोकोल के मुताबिक किसी भी चिकित्सक को अब एविडेंस देने के लिए कोर्ट में नहीं जाना पड़ता। वीडियो के द्वारा ही एविडेंस होती है। लेकिन मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन में जिन लोगों को पोस्टमार्टम ड्यूटी दी जाती है, उन्हें वह ड्यूटी देनी पड़ेगी। उन्हें अपने अन्य दायित्व भी बनते हैं वह भी निभाने पड़ेंगे।

प्रश्न : क्या हरियाणा में नए मेडिकल कॉलेज बनाने का कोई प्रावधान है ?
उत्तर : 
मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (एमईआर) वैसे तो एक अलग विभाग है और इस विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव भी अलग है। अभी कल कॉलेज बनाने को लेकर बिल्डिंग इत्यादि बनाने का काम पूरा हो चुका है।

प्रश्न : यूक्रेन से आए मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के लिए विशेष वैकल्पिक प्रबंध क्या कुछ किए गए हैं ?
उत्तर : 
कोई भी प्रदेश इस पर अपनी पॉलिसी नहीं बनाएगा। पूरे देश के सभी राज्यों में इस प्रकार के बच्चे लौटे हैं। नेशनल लेवल पर ही इन बच्चों के लिए कोई पॉलिसी बनेगी। हमारा प्रदेश भी उसी प्रकार से कार्य करेगा।

प्रश्न : डायल 112 से आप कितने संतुष्ट हैं ?
उत्तर : 
हमारे मुख्यमंत्री और गृह मंत्री द्वारा डायल 112 का रिस्पांस टाइम और कम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। उसके लिए हमें चाहे कम्युनिकेशन इंप्रूव करनी पड़े, मोबिलिटी बढ़ानी पड़े या और अधिक साधन लाने पढ़ें, हम रिस्पांस टाइम कम करने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। 12-13-14 मिनट के समय को और अधिक कम करना हमारा लक्ष्य है।

प्रश्न : सीसीटीएनएस (अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क) हरियाणा मे किस प्रकार का कार्य कर रहा है ?
उत्तर : 
पिछले साल मेजर पार्ट ऑफ द ईयर के लगभग हर महीने रिव्यू से आने वाली रैंकिंग में हरियाणा का प्रथम रैंक रहा है। सीसीटीएनएस में चाहे हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, ट्रेनिंग व मैन पावर की बात हो इसमें इंप्रूवमेंट लगातार चलती रहती है। इसी कारण से हरियाणा राष्ट्रीय लेवल पर अधिकतर नंबर वन ही रहता है।

प्रश्न : गृहमंत्री द्वारा सीसीटीएनएस पर विभिन्न रैंक के अधिकारियों के लिए एफआईआर का टाइम बाउंड किया गया था ?
उत्तर : 
हमारी कोशिशें जारी हैं। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि किस प्रकार से जांच में बिना अड़चन आए गृह मंत्री के दिशा निर्देशों की पालना हो सके। जिसके परिणाम भी सकारात्मक आएं।


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Content Writer

Manisha rana

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