जनरेटर चलने दो नहीं तो बंद कर देंगे फैक्ट्री, बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों की सरकार को चेतावनी

punjabkesari.in Tuesday, Oct 04, 2022 - 12:51 PM (IST)

बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़): जनरेटर चलने दो, नहीं तो बंद कर देंगे फैक्ट्री।  यह कहना है बहादुरगढ़ के उद्योगपतियों का। उद्योगपतियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर ग्रेप कानून में संशोधन नहीं हुआ, तो बहादुरगढ़ के उद्योगपति अपनी फैक्ट्रियों को बंद कर देंगे जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। उद्योगपतियों ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान में छूट देने की मांग सरकार से की है। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश सरकार को उद्योगपतियों की पैरवी के लिए केंद्र सरकार और एनजीटी के खिलाफ अदालत में जाने की गुहार लगाई है। 

 

दरअसल बहादुरगढ़ औद्योगिक नगरी में करीब साढे तीन हजार से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं। 1 अक्टूबर से एनजीटी की सलाह पर केंद्र सरकार द्वारा ग्रेप कानून लागू किया गया है। जिसके तहत दिल्ली एनसीआर में जरनेटर चलाने पर पूर्णता पाबंदी लगाई गई है। लेकिन बिजली के अघोषित कटों से उद्योगपति परेशान हैं। क्योंकि शहर में बहुत सारी जूता फैक्ट्री ऐसी हैं, जिनमें काम करते वक्त अगर मशीन लाइट जाने की वजह से बंद हो जाती है। तो उद्योग पतियों का लाखों रुपए का सामान बर्बाद हो जाता है। जिसे दोबारा इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। 

 

वही शहर में पिछले 3 साल से जो कंपनी पीएनजी गैस पाइपलाइन बिछा रही है। उसका काम ही पूरा नहीं हुआ है। वह कम्पनी अभी तक उद्योगपतियों को पीएनजी कनेक्शन देने में समर्थ नहीं है। अगर उद्योगपति पीएनजी कनेक्शन के लिए अप्लाई करते हैं। तो कंपनी उद्योगपतियों को 3 महीने से भी ज्यादा समय के बाद गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाती है। उद्योगपतियों का कहना है कि अगर उनकी फैक्ट्रियां 3 महीने नहीं चलेंगी तो न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा। बल्कि लाखों लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे। ऐसे में सरकार को ग्रेप कानून में उद्योगपतियों को छूट दिलवाने चाहिए। ताकि न सिर्फ उद्योगों को बचाया जा सके बल्कि लोग बेरोजगार होने से भी बच सकें।

 

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए एनजीटी की सलाह पर ग्रेप सिस्टम यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया गया है। लेकिन यह कानून उद्योगपतियों की गले की फांस बन गया है। उद्योगों को पूरी तरह प्रदेश में बिजली नहीं मिल पा रही। एक तरफ जहां उद्योगपतियों को पीएनजी कनेक्शन नहीं मिले हैं। वहीं दूसरी तरफ से जनरेटरों को ड्यूल फ्यूल बनाने वाले इक्विपमेंट की भी देश में शॉर्टेज है। इसलिए उद्योगपति परेशान है। उद्योगपतियों का यह भी कहना है कि उद्योगों को चलाने की व्यवस्था किए बिना ही यह सिस्टम लागू कर दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है।

 

 

 


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Content Writer

Jasmeet

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