अल्टीमेटम से पंजाब व हरियाणा की सरकार अलर्ट, फिर से बन सकती है टकराव की स्थिति

punjabkesari.in Tuesday, Jul 04, 2017 - 08:24 AM (IST)

हिसार (संजय अरोड़ा):पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. चौ. देवीलाल द्वारा आज से 30 वर्ष पूर्व हरियाणा में शुरू किए न्याय युद्ध की राह पर चलते हुए अब उन्हीं के पौत्र एवं हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला द्वारा सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी हरियाणा को दिलवाने को लेकर वे अब आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। पिछले लगभग एक वर्ष से इनैलो ने इस जलयुद्ध से प्रदेश की राजनीति में पानी में आग लगाने जैसा काम कर दिया है। वहीं, इस मुद्दे पर हरियाणा व पंजाब के राजनेताओं के सुर भी अलग-अलग सुनाई पड़े हैं। भले ही हरियाणा के सभी दलों के नेता चाहते हैं कि हरियाणा में एस.वाई.एल. का पानी आए मगर यह आक्रामक लड़ाई इनैलो नेता अभय चौटाला ही लड़ते नजर आ रहे हैं और उनके समर्थकों का मानना है कि वह इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचा रहेंगे, चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े।

फिर से गिरफ्तार किए जा सकते हैं इनैलो नेता
गौरतलब है कि अभय सिंह चौटाला ने यह अल्टीमेटम दिया है कि यदि 10 जुलाई तक केंद्र व राज्य सरकारों ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया तो इनैलो हरियाणा व दिल्ली को जाने वाले सभी रास्ते जाम कर देगी। इससे पंजाब और हरियाणा की सरकारें अलर्ट है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि इस रास्ता रोको आंदोलन के मद्देनजर एक बार फिर अभय सिंह चौटाला गिरफ्तार किए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व इसी वर्ष 23 फरवरी को शम्भु बॉर्डर के पास गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें 5 दिन तक पटियाला जेल में रखा गया था।

हर स्थिति का सामना करने को हैं तैयार:अभय
नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा को उसका हक दिलाने के लिए हम हर स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। चाहे सरकार कितना भी दमनचक्र चलाए, गिरफ्तारियां करें या मुकद्दमे दर्ज करे, हम डरने वाले नहीं हैं। जलयुद्ध तब तब जारी रहेगा जब तब हरियाणा के किसानों को उनके हिस्से का एस.वाई.एल. का पानी नहीं मिल जाता। आंदोलन के सूत्रधार अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस के नेता केवल दिखावे के लिए किसान हितों की बात करते हैं, यदि वास्तव में उनके दिल में किसानों के प्रति दर्द है तो वे एस.वाई.एल. के पानी के लिए इनैलो द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में उनका साथ दें।

किसी भी दल ने नहीं दिया साथ
उल्लेखनीय है कि अपने दादा के बाद 30 वर्षांे बाद अभय चौटाला ने हरियाणा के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर लोगों से समर्थन की अपील करने के साथ-साथ सभी पाॢटयों, पंचायतों, परिषदों, विधायकों व सांसदों को पत्र लिख कर सहयोग की अपील की थी। मगर उन्हें किसी अन्य दल का कोई साथ नहीं मिला और वह अकेले ही अपनी पार्टी के नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को साथ लेकर जल की जंग लडऩे को तैयार हो गए। यहां तक कि उन्हें 6 महीने से भी ज्यादा का समय बीत जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का मौका नहीं मिला। 


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