प्रदेश सरकार ने विज्ञान रत्न पुरस्कार राशि को बढाकर किया 4 लाख, सीएम मनोहर लाल ने दी जानकारी

punjabkesari.in Saturday, Feb 11, 2023 - 10:41 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विज्ञान-रत्न पुरस्कार राशि को दो लाख रुपए से बढ़ाकर चार लाख रुपए करने का ऐलान किया है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विज्ञान आधारित दृष्टिकोण के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। हरियाणा सरकार नवाचार को लेकर बजट में विशेष प्रावधान कर रही है। सीएम ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया को बहुत बड़ी देन है। गणित के क्षेत्र में जीरो, संख्या प्रणाली व पाई का मान दुनिया को हमारे गणितज्ञों ने दिए। ऐसे भारत के 12 वैज्ञानिक हुए हैं, जिनको विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया के सर्वोच्च नोबेल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।

 

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिकों की भूमिका विषय पर आयोजित दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने करीब साढ़े पांच लाख रुपए की लागत से विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित की गई स्वामी विवेकानंद की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने यहां पर 128 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले तीसरे शैक्षणिक भवन की आधारशिला रखी।

 

मुख्यमंत्री ने यहां पर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई विज्ञान प्रदर्शनी और श्रीनिवास रामानुजन भवन का अवलोकन भी किया। इस दौरान प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल, भिवानी के विधायक घनश्याम सर्राफ, बवानीखेड़ा से विधायक बिशम्बर वाल्मीकि और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके मित्तल भी मौजूद रहे। विज्ञान सम्मेलन में जिलेभर से आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी जीवन में ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे हर क्षेत्र में विकास को गति मिलती है। भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।

 

उन्होंने कहा कि हमारा अतीत वैज्ञानिकों से भरा हुआ है। विज्ञान में भारतीय स्वर्णिम इतिहास के दिग्गजों में  होमी जहांगीर भाभा, जगदीश बसु, रामानुजन, शांति स्वरूप भटनागर आदि प्रमुख हैं,  जिनका विज्ञान के क्षेत्र में अमूल्य योगदान है। आधुनिक युग में भूतपूर्व राष्ट्रपति वर्गीय श्री एपीजे अब्दुल कलाम का नाम भी अग्रणी है।

 

भारत के 12 वैज्ञानिकों को  मिल चुका है विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत के 12 भारतीयों को उनके वैज्ञानिक और तकनीकी योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सीवी रमन को उनके रमन प्रभाव के लिए 1930 में तथा बायोकेमिस्ट हरगोविंद खुराना को प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करने के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड महामारी के दौरान भारत के वैज्ञानिकों से वैक्सीन डोज बनाने का आह्वान किया गया था, जिस पर भारत के वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को एक अवसर के रूप में स्वीकारा और एक नहीं बल्कि दो वैक्सीन बनाई। 200 करोड़ वैक्सीन डोज बनाकर न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों को भी वैक्सीन देने का काम किया। इससे भारत के वैज्ञानिकों ने वर्तमान समय में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan

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