राहुल गांधी अध्यादेश न फाड़ते तो प्रदीप चौधरी की बच जाती सदस्यता
punjabkesari.in Sunday, Jan 31, 2021 - 01:57 PM (IST)
चंडीगढ़: वर्ष 2013 में तत्कालीन यू.पी.ए. सरकार के समय सुप्रीम कोर्ट केे फैसले के खिलाफ लाए गए अध्यादेश को यदि कांग्रेस नेता राहुल गांधी न फाड़ते तो कालका के कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी की सदस्यता रद्द होने से बच जाती है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत ने बताया कि जुलाई, 2013 में सुप्रीम कोर्ट के लिली थॉमस निर्णय के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यू.पी.ए.-2 सरकार एक अध्यादेश लेकर उक्त निर्णय को पलटना चाहती थी और केंद्रीय कैबिनेट ने इस सम्बन्ध में एक अध्यादेश को मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उस अध्यादेश की कॉपी को कम्पलीट नॉनसैंस करार करते हुए खारिज कर फाड़ दिया था।
इसके बाद तत्कालीन भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी उक्त अध्यादेश पर ऐतराज जताया था एवं उस समय के केंद्रीय कानून मंत्री को अपने पास बुलाकर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि अक्तूूबर, 2013 में मनमोहन सिंह सरकार ने इस अध्यादेश को वापस लेने का निर्णय ले लिया था। अगर राहुल गांधी वह अध्यादेश को न फाड़ते और वह कानून बन जाता, तो आज कांग्रेसी विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा सदस्यता बच सकती थी। बशर्ते सुप्रीम कोर्ट उस संशोधन अध्यादेश/कानून पर रोक न लगा देती या उसे भी असंवैधानिक करार न कर देती।
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