हरियाणा की सियासत में  ‘गायब’  हुए किसान

punjabkesari.in Tuesday, Apr 30, 2019 - 09:15 AM (IST)

सिरसा(अरुण): हरियाणा प्रदेश की सियासत चुनाव के दौरान न जाने क्यों बदल जाती है। चुनाव से पहले तक हर कोई नेता जिन किसानों के आसरे सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने की जद्दोजहद करते दिखते है वो ठीक चुनाव के दौरान अपनी इस ‘सीढ़ी’ को ही भुलाने में गुरेज तक नहीं करते। कमोबेश अभी तक लग भी ऐसा ही रहा है कि जहां एक तरफ समूचे प्रदेश के कई जिलों में सैकड़ों एकड़ किसानों के अरमानों के रूप में पकी खड़ी गेहूं की फसल जल कर राख हो गई।

वहीं बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से किसानों की कटाई को तैयार खड़ी गेहूं जमीन पर बिछ कर बर्बाद हो गई। मगर न तो राजनीतिक दिग्गजों ने इनकी सुध ली है और न ही राजनीतिक मंचों पर किसी ने मरहम लगाया है। लिहाजा, वोट बैंक के रूप में ही इन किसानों की पहचान भर रह गई है और वास्तविकता में ये किसान सियासत में ‘गायब’ हो चले हैं। चुनाव का मौसम होने के बावजूद न सरकार ने सुध ली और न विपक्षियों ने सरकार को किसानों की सुध लेने के लिए घेरा।


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kamal

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