खोरी गांव मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभाग सूची बना सख्त कार्रवाई करे: विज

punjabkesari.in Thursday, Sep 23, 2021 - 11:22 PM (IST)

फरीदाबाद (अनिल राठी): हरियाणा के गृह स्वास्थ्य व निकाय मंत्री अनिल विज ने फरीदाबाद जिले के खोरी गांव में हुए निर्माण कार्य में के वक्त जो जो अधिकारी वहां पर तैनात रहे और जिनके कार्यकाल में खोरी के अंदर निर्माण कार्य हुआ उनकी सूची बनाने तथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश हरियाणा निकाय विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को दे दिए हैं। अनिल विज में इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि फरीदाबाद के खोरी गांव में किस-किस अधिकारी के समय में क्या-क्या कार्य हुआ किन-किन की जिम्मेदारी बनती है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। विज ने कड़ा स्टैंड लेते हुए कहा है कि जिस तरह से वहां पर प्रशासनिक अमले के सरंक्षण में निर्माण कार्य हुआ वह चिंतनीय पहलू है। 

गौरतलब है कि फरीदाबाद जिले खोरी गांव अरावली के पहाड़ी क्षेत्र में बसा हुआ है। यहां पर हजारों लोगों के घर तथा सैकड़ों लोगों के फार्म हाउस बने हुए हैं। पिछले दिनों कोरी फरीदाबाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तथा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में काफी तल्ख तेवर दिखाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खोरी गांव में हुए इस अवैध निर्माण के साथ फार्म हाउस भी तोड़े गए, फिलहाल सैकड़ों फार्म हाउस ऐसे हैं जो अभी तोड़े जाने बकाया हैं। 

हरियाणा के गृह स्वास्थ्य व निकाय मंत्री अनिल विज का कहना है कि अरावली की पहाडिय़ों में खोरी गांव के अंदर जिन अधिकारियों के कार्यकाल में यह निर्माण कार्य किया गया है। उन का लेखा-जोखा तैयार किया जाए तथा उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अनिल विज ने इस मामले में निकाय विभाग के एडिशनल चीफ सेक्टरी को लिखित आदेश जारी करते हुए कहां है कि एक समय अवधि में उन्हें पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाए कि उन अधिकारियों पर क्या एक्शन हुआ है। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में फरीदाबाद के खोरी गांव में अरावली जंगल की जमीन पर बने अवैध निर्माण हटाए जाने और अवैध निर्माण हटाने की वीडियोग्राफी भी करने के आदेश दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 23 अगस्त तक पुनर्वास नीति का ड्राफ्ट पूरा करने का निर्देश भी दिया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खोरी से हटाए लोगों के पुनर्वास प्रक्रिया के बीच ही फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त को बदले जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। अरावली वन क्षेत्र में खोरी गांव से हजारों अवैध निर्माण ढहाए जाने के बाद पात्र लोगों के पुनर्वास का कार्य नगर निगम कर रहा है।

खंडपीठ ने यह भी पूछा है कि हमारी अनुमति के बिना आयुक्त को क्यों बदला गया, कुछ काम चल रहा था। पीठ ने पूछा कि उन फार्म हाउसों पर क्या हो रहा है जो अतिक्रमण करके बनाए गए हैं? क्या उन पर कोई कार्रवाई की गई है? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम से खोरी गांव वन क्षेत्र से विस्थापित किए गए लोगों में पात्र लोगों के अस्थायी फ्लैट देने का आदेश दिया है। पुनर्वास आवेदन मिलने के एक हफ्ते में अस्थायी आवास देने के लिए कहा गया।

पीठ ने कहा है कि पुनर्वास नीति के तहत लोगों को दिया गया आवंटन पत्र बताएगा कि आवंटन अस्थायी है। अस्थायी फ्लैट पाने वाले परिवारों को यह शपथ पत्र देना होगा कि यदि वे दस्तावेज की जांच प्रक्रिया के दौरान तय मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं तो उन्हें फ्लैट खाली करना होगा। फ्लैट खाली करने का नोटिस आने के दो हफ्ते के भीतर उन्हें परिसर खाली करना होगा। यदि वे अंतिम जांच के बाद योग्य पाए जाते हैं तो उन्हें स्थायी फ्लैट आवंटित कर दिया जाएगा।


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Content Writer

Shivam

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