खट्टर सरकार को पसंद है 'घूंघट'

punjabkesari.in Wednesday, Jun 28, 2017 - 05:31 PM (IST)

अंबाला (कमल प्रीत):'घूंघट की आन-बान, हमारे हरियाणा की पहचान'...दूध दही के नाम से मशहूर हरियाणा को खट्टर सरकार घूंघट के नाम से प्रसारित करने में जुटी है। ये हम नहीं कह रहे, बल्कि हरियाणा सरकार की मासिक पत्रिका 'हरियाणा संवाद' में लगी एक फोटो कह रही है। फोटो भी ऐसी जिसमें घूंघट को हरियाणा की पहचान बताया गया है। इस फोटो में एक महिला नजर आ रही है, जिसके चेहरे पर घूंघट है और सिर पर बोझ है। इसी बोझ तले दबे घूंघट को सरकार हरियाणा की पहचान बता रही है। अब यही सरकार बार-बार बेटी बचाओ पर भाषण देती है, बेटियों की शिक्षा पर भाषण देती है, बेटियों को आगे बढ़ने के लिए अवसर प्रदान करने का दम भरती है, लेकिन जब घूंघट को ही हरियाणा की 'पहचान' करार दे दिया गया हो तो फिर कोई बेटी इस घूंघट के बहाने सरकार पर सवाल क्यों न उठाए। 
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हरियाणा सरकार हर महीने अपनी एक मासिक पत्रिका निकालती है, पत्रिका का नाम है 'हरियाणा संवाद', लेकिन मार्च महीने का जो एडिशन इस पत्रिका का सामने आया उसमें लगी एक फोटो ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। इस फोटो को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई और सरकार के मंत्री अब सफाई देते फिर रहे हैं। कांग्रेस नेता किरण चौधरी ने सरकार की सोच पर ही सवाल उठा दिए। किरण चौधरी ने कहा कि सरकार की मानसिकता इस फोटो से जाहिर होती है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार वैसे तो बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का दम भरती है लेकिन इस फोटो से सरकार घूंघट प्रथा को बढ़ावा देती नजर आ रही है। कुछ इसी तरह के सवाल विपक्ष में बैठे दूसरे नेता भी उठा रहे हैं। अब सवाल उठे तो जवाब देने के लिए सरकार के तेजतर्रार मंत्री अनिल विज सामने आए। विज ने कहा कि इस फोटो में घूंघट को कहीं भी अनिवार्य नहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत है और इसके लिए लगातार काम कर रही है। विज ने बेटियों और महिलाओं के लिए किए जा रहे कामों का जिक्र भी किया लेकिन इस फोटो पर वो सही तरीके से सफाई नहीं दे पाए। ऐसे में अब सियासी गलियारों में इस फोटो के जरिये सरकार को घेरने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी है।

हरियाणा की पहचान 'घूंघट' है तो फिर ये बेटियां कौन है?
हरियाणा सरकार अपनी पत्रिका में घूंघट को हरियाणा की पहचान बता रही है लेकिन लगता है हरियाणा की शान इन बेटियों के बारे में भूल गई, जिन्होंने घूंघट से बाहर निकलकर पूरी दुनिया में देश का नाम और हरियाणा का नाम रौशन किया है। 
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साक्षी मलिक पहली महिला पहलवान है जिन्होंने ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीता है। साक्षी मलिक हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है और 2016 ब्राजील ओलंपिक में उन्होंने कुश्ती में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। घूंघट को पहचान बताने वाली हरियाणा सरकार शायद साक्षी मलिक के उस कारनामे को याद नहीं रख पाई।
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महिला रेसलिंग में भारत को पहला कॉमनवेल्थ स्वर्ण पदक दिलाने वाली गीता फौगाट को हम सब जानते हैं। गीता फौगाट हरियाणा के भिवानी की हैं और साल 2010 में उन्होंने पहली बार कॉमनवेल्थ खेलों में महिला फ्रीस्टाइल रेसलिंग में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा गीता फौगाट पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। 
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बबीता फौगाट भी कुश्ती पहलवान है और हरियाणा के भिवानी की ही हैं। बबीता ने भी साल 2014 में ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में कनाडा की पहलवान को हराकर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। 
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हाल ही में हुई फेमिना मिस इंडिया 2017 प्रतियोगिता में भी हरियाणा की ही बेटी के सर मिस इंडिया का ताज सजा था. हरियाणा की मनुषी छिल्लर पिछली बार की विजेता प्रियदर्शिनी चैटर्जी ने ताज पहनाया था। ये समारोह मुंबई के यशराज स्टूडियो में हुआ था। मनुषी अब मिस वर्ल्ड 2017 में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। ये वो बेटियां हैं जो हरियाणा से निकली है और पूरे देश और पूरी दुनिया में हरियाणा का नाम रौशन कर रही है, लेकिन हरियाणा सरकार सिर्फ घूंघट में ही फंसी है और हरियाणा की पहचान को घूंघट में ही समाए हुए है। 
 


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