बिना इजाजत निजी स्कूल ने पाल रखा था लंगूर, छापा मारकर साथ ले गई वाईल्ड लाईफ की टीम

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 06:33 PM (IST)

झज्जर: दुजाना के रणसिंह ब्रिगेडियर स्कूल में लंगूर को पालना महंगा पड़ गया। स्कूल में बच्चों को बंदरों के उत्पात से बचाने के लिए 7 साल पहले गुडग़ांव से 6 हजार रुपए में राजा नाम का लंगूर खरीदकर लाया गया था। अब इतने सालों बाद शिकायत पर वाइल्ड लाइफ विभाग की टीम स्कूल में पहुंची। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत स्कूल पर केस दर्ज किया गया। लंगूर को भी पकड़कर झज्जर के वैट लैंड में ले जाया गया। अब स्कूल प्रिंसिपल का दावा है कि वे दोबारा परमिशन लेकर लंगूर को वापस लाएंगे, हालांकि यह मुश्किल है।

हरियाणा स्काउट एंड गाइड्स एनिमल बड्र्स के चीफ कमिश्नर नरेश कादयान को सूचना मिली थी कि झज्जर के कुछ स्कूलों में वाइल्ड लाइफ से जुड़े जीव-जंतुओं को गैरकानूनी तरीके से रखा है। झज्जर वाइल्ड लाइफ विभाग के इंस्पेक्टर देवेंद्र हुड्डा ने स्कूल में छापा मारा। यहां एक लंगूर मिला। टीम ने लंगूर रखने के के दस्तावेज मांगे तो स्कूल नहीं दे पाया। तब टीम ने लंगूर को बरामद कर स्कूल के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया।

स्कूल का दावा- घर जैसा अनुभव करवाने को मादा लंगूर भी लाते थे
स्कूल प्रबंधन ने कहा कि दुजाना में बंदरों का आतंक ज्यादा है। बंदर क्लास रूम में घुसकर उत्पात मचाते थे और बच्चों के टिफिन भी छीनकर ले जाते थे। इस वजह से 2500 बच्चों की सुरक्षा के लिए 7 साल पहले गुडग़ांव से लंगूर लाए थे। उसकी देखरेख के लिए एक कर्मचारी अलग से रखा हुआ है।

वहीं, उसका वाइल्ड लाइफ का अनुभव करवाने के लिए 3 बार मादा लंगूर भी लाई गई है। स्कूल के प्रिंसिपल बीके शर्मा ने कहा कि लंगूर को वाइल्ड लाइफ की तरह ही सारी सुविधाएं स्कूल के 12 एकड़ में फैले कैंपस में मिल रही हैं। बच्चे भी इस लंगूर को बड़े चाव से भोजन और फल खिलाते हैं।

वाइल्ड लाइफ विभाग लंगूर को स्कूल से ले गए तो छोटे बच्चे काफी उदास हैं। बीके शर्मा ने कहा कि हम अपने इस लंगूर को वापस लाने के लिए प्रयासरत हैं और जल्द ही संबंधित सारी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। शर्मा ने कहा कि लंगूर स्कूल परिवार का हिस्सा था, वो सबको पहचानता है, लेकिन इस एकदम की छापेमारी के बाद वह स्कूल से बाहर गया है तब उसके साथ क्रूरता सही मायने में होगी।

धारा 62 के तहत लेनी पड़ती है लंगूर व बंदरों को रखने की इजाजत
चीफ कमिश्नर स्काउट गाइड इन एनिमल बड्र्स के नरेश कादयान का कहना है कि लंगूर और बंदरों आदि को रखने के लिए वाइल्ड लाइफ एनिमल एक्ट की धारा 62 के तहत परमिशन लेनी पड़ती है। उसका कारण बताया जाता है कि किस कारण से उन्हें रखा जा रहा है और किस तरीके से उसे वाइल्ड लाइफ से जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी। तब संतुष्टि के बाद इसकी परमिशन दी जाती है, लेकिन स्कूल ने इस संबंध में कोई परमिशन नहीं ली हुई थी, इसीलिए कार्रवाई हुई।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Shivam

Recommended News

Related News

static