Rohtak: एक ऐसा परिवार जो 50 साल से कर रहा है नेक काम, 20 हजार लोगों को दिला चुका है मुक्ति
punjabkesari.in Friday, Sep 12, 2025 - 05:39 PM (IST)

रोहतक (दीपक भारद्वाज) : रोहतक के सचिन आर्य और उनका परिवार पिछले 50 वर्षों से एक अनूठी और धार्मिक परंपरा निभा रहा है। इस परिवार की 4 पीढ़ियां अब तक लावारिस अस्थियों को हरिद्वार में गंगा नदी में पूरे विधि-विधान से प्रवाहित करती आ रही हैं। सचिन के परदादा से शुरू हुई यह परंपरा उनके दादा और पिता ने निभाई, और अब 40 वर्षीय सचिन आर्य इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
सचिन आर्य बताते हैं कि वे उन शवों की अस्थियां प्रवाहित करते हैं जिनके परिजन उन्हें लेने नहीं आते, आश्रम में रहने वाले लोगों की अस्थियां, या फिर जिन शवों की पहचान नहीं हो पाती। साल में दो बार वे हरिद्वार जाकर इन अस्थियों को गंगा में विसर्जित करते हैं। इससे पहले अस्थियों को श्मशान घाट में एकत्र कर सुरक्षित रखा जाता है।
यह प्रयास धार्मिक ही नहीं, बल्कि मानवता का प्रतीक भी है- सचिन
सचिन का मानना है कि गंगा में अस्थि विसर्जन से दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। परिवार का यह प्रयास केवल धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि मानवता का प्रतीक भी है। उनका कहना है कि कोरोना काल में जब लोग शवों को हाथ लगाने से डर रहे थे, तब भी उनके परिवार ने सभी शवों का अंतिम संस्कार कर अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया।
अब तक 20 हजार अस्थियां प्रवाहित कर चुका परिवार
अब तक सचिन का परिवार लगभग 20 हजार अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर चुका है। सचिन कहते हैं कि यह कार्य उन्हें आत्मिक शांति देता है और उनके बच्चे भी इसे आगे जारी रखना चाहते हैं। सचिन का मानना है कि जब तक यह सेवा जीवित रहेगी, तब तक अनगिनत दिवंगत आत्माओं को मोक्ष का मार्ग मिलता रहेगा।
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